Tuesday 29 May 2012

वजह


दिल पे लगा के चोट,

मुझसे उदासी का सबब पूछते है.

उन्हें सब है मालूम, फिर भी

मुझसे बेवजह पूछते हैं.

दिल को दर्द देना ,

उनकी फितरत है,

हम दर्द से रोयें,

तो रोने की वहज पूछते हैं.

.......... नीरज कुमार ‘नीर’


Sunday 27 May 2012

दिल की बात


बादल के छाने से रात नहीं होती,
सपनो में आके मुलाक़ात नहीं होती .
बरसात के लिए पानी को बरसना होता है
सिर्फ  छीटों से बरसात नहीं होती.
मेहनतकशों के खाने में स्वाद होता है,
मुफ्तखोरों  के खाने में मिठास नहीं होती.
सुना है देश तरक्की कर गया लेकिन,
हाथ में मोबाइल होता है, थाली में दाल नहीं होती.
अब तो मुहब्बत का इज़हार भी एस एम एस से होता है.
खुल के दिल से दिल कि बात नहीं होती.
हमने उनका नाम लिया और हंगामा हो गया,
हमे क्या था मालूम, चोरों के घर में चोरों कि बात नहीं होती .
फूलों से पता मत पूछिए मेरे घर का, मेरी जिंदगी कांटो भरी है,
मेरे घर में फूलों की  बात नहीं होती.
कहना है तो खुल के कहिये दिल की  बात
इशारों – इशारों में दिल की  बात नहीं होती.
....................... नीरज कुमार 'नीर'



Wednesday 23 May 2012

गम पीता हूँ



      
वो कहते हैं, मैं पीता हूँ शराब ,
मैं तो तुम्हारी जुदाई का गम पीता हूँ.

घोलकर पैमाने में संग शराब के,
तुम्हारे जाने का रंज पीता हूँ .

जब याद आए ज्यादा , तो ज्यादा ,
जो आए कम  तो कम पीता हूँ.

जो कसमे खाए थे तुमने, मेरी मुहब्बत में ,
खुदा कि कसम, वो कसम पीता हूँ ,

तुम चले गए सब कुछ भुला दिया,
तुम आओगे लौटकर, यह भरम पीता हूँ.

वो कहते है, मैं पीता हूँ शराब,
मैं तो तुम्हारी जुदाई का गम पीता हूँ.
............. नीरज कुमार 'नीर'

Saturday 19 May 2012

“हम दीवाने बन गए”

तुम्हे चाहा इस तरह
हम दीवाने बन गए

तुम्हे मिलने की चाहत में
नदी के माने बन गए.

कोई राँझा समझता है,
कोई मजनू समझता है.

मेरे मन कि बेचैनी को 
नहीं कोई  समझता है.

हवा का एक झोंका हूँ ,
आवारा फिरता हूँ.

कोइ घर  नही मेरा
तुम्हारे दिल में रहता हूँ.

अनमोल मोती हूँ,
मेरा मोल नहीं कोई,

पर पाना जो तुम चाहो ,
बिना मोल बिकता हूँ.
.............. नीरज कुमार 'नीर'



Friday 4 May 2012

चाँद की ख्वाहिश


कल रात चाँद मेरे घर आया 
हुई दरवाजे पे दस्तक 
खिडकी पे नज़र आया
नज़रें मिली मुझसे 
थोडा शरमाया ,
कहा मुझसे
मुझे अपने घर में जगह दे दो
मुझे अपनी सी जीने की वजह दे दो
मैं चाँद हूँ, 
जिंदगी रौशनी से भर दूँगा
जितना चाहोगे 
उससे बेहतर दूँगा
मैने  कहा 
मुझे और की ख्वाहिश नहीं है 
जो है मेरे पास
बहुत है
और की फरमाइश नहीं है 
एक दीया है काफी 
जिंदगी में रोशनी के लिए
आंसू भी है जरूरी 
आँखों में नमी के लिए 
मेरी  कोशिश है 
जीवन यूँ ही चलता रहे
तुफानो झंझावातों में
दिया जलता रहे
दिया जलता रहे
दिया जलता रहे.
................ #नीरज कुमार नीर
#neeraj_kumar_neer 
#chand #toofan #jindagi #hindi_poem 

Tuesday 1 May 2012

दिल का मिलन




जाति धर्म का तोड़ के बंधन,
दिल का दिल से होगा मिलन .

एक ऐसा देश बनायेंगे,
सब मिल हसेंगे गायेंगे.

जहाँ कोई भूखा ना होगा,
कोई खेत सुखा ना होगा

जाति धर्म का तोड़ के बंधन ,
दिल का दिल से होगा मिलन .

धरती माँ का तिलक लगाके,
आपस के सब बैर भुला के.

हम सब भाई मिल जुल के
ईद और होली मनाएंगे.

जाति धर्म का तोड़ के बंधन ,
दिल का दिल से होगा मिलन.

एक ऐसा देश बनायेंगे,
सब मिल हसेंगे गायेंगे.
neeraj neer 








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