Monday 25 March 2013

होली नयनन की पिचकारी से


(पति पत्नी में मंहगाई को लेकर होली पर नोकझोक)
बलम ना करो बलजोरी
अबके फागुन खेलूंगी ना
तोरे संग मैं होरी .
बलम ना करो बलजोरी .
                        
मेरी बात माने नाहीं 
मैं ना मानूंगी तोरी.
बलम ना करो बलजोरी.
बलम ना करो बलजोरी.

चांदी की पिचकारी लाओ,
लाओ रंग गुलाबी लाल,
जयपूर से लंहगा लाओ
तब जाकर छुओ गाल.
***********
मंहगाई की मार ने गोरी
जीना किया मुहाल.
पिचकारी मंहगी हुई
मंहगा हुआ गुलाल.

आओ हम रंग चुरा लें
प्रीत की फुलवारी से
आओ खेले हम होली
नयनन की पिचकारी से.

नयनन की पिचकारी से
एक दूजे को रंग लगाएंगे
हाथों में ले अबीर नेह का
गालों को लाल कर जायेंगे.
............ #नीरज कुमार ‘नीर’
#neeraj_kumar_neer
#होली #holi #rang #मंहगाई #manhgai #pichkari #gulal 

10 comments:

  1. बहुत उम्दा सराहनीय होली गीत,,बधाई नीरज जी,,
    होली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाए,,,

    Recent post : होली में.

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    Replies
    1. बहुत शुक्रिया जनाब

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  2. bahut sunder geet. baghai ho Neeraj ji
    kripya mere blog par bhi aiye , aapka swagat hai
    mai aapko foolow kar raha hun aap bhi mujhe foolow karen , mujhe khusi hogi

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत शुक्रिया जनाब.

      Delete
  3. बहुत ही प्यार वाली होरी है यह. शुभकामनाएं होली की.

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    Replies
    1. निहार जी आपका बहुत आभार और होली की ढेर सारी शुभकामनायें.

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  4. होली की शुभ कामना !!
    बहुत अच्छा व्यंग्य है !

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    Replies
    1. धन्यवाद और होली की आपको भी बहुत शुभकामनायें

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  5. sahi bat ...ye sabse acchi holi...

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