Sunday 7 July 2013

दूर के ढोल

अनिश्चितता की बस्ती में
सपनो के महल बनाकर रहना .
यथार्थ को छोड़, भागना परछाईयों के पीछे.
अंक के पहले शून्य लगाने का
कोई मूल्य होता है?
उचित राह की पहचान अगर न हो,
जिंदगी ठहरती नहीं किसी चौराहे पर,
एक राह ले ही लेती है.
जिन्दगी की राह में पीछे छूटे चौराहे पे
वापस जाना भला कब मुमकिन हुआ है ,
जो अच्छा हो सकता था ,
वही बुरा भी हो सकता था .
जो हुआ नहीं उसकी निश्चितता क्या .
विमोह (infatuation) और प्यार के बीच की रेखा बहुत ही महीन है
और कभी कभी अदृश्य सी लगती है .
किसी सम्बन्ध की परिणति अच्छी ही होगी
असंभव है तय कर पाना,
सम्बन्ध के शुरू होने के पहले ही .
दूर के ढोल अक्सर सुहावन होते हैं .
दर्द जब बन जाए जिन्दगी
तो दर्द भी अच्छा लगने लगता है.
लेकिन दर्द ही जिन्दगी नहीं होती.
पुराने जख्मो को ट्रोफियों की तरह
जिन्दगी के शो केस में सजाना ,
सूखे फूलों को सहेज कर रखना
खुशबू की उम्मीद में उम्र भर
सिर्फ दर्द दे सकता है , सुकून नहीं .
यादों की संदूक में जिंदगी को कैद मत रखिये .
जिन्दगी को धुप दिखाना जरूरी है .
… …… नीरज कुमार 'नीर'  

15 comments:

  1. anubhotiyo kaa achchaa chitran

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  2. .बहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति .सच्चाई को शब्दों में बखूबी उतारा है आपने आभार क्या ये जनता भोली कही जाएगी ? # आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -5.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN लड़कों को क्या पता -घर कैसे बनता है ...

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  3. सच बात है, सहमत। खुलकर जिया जाये।

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  4. बहुत सुन्दर सन्देश है इस रचना में. यूं दर्द की ट्रोफियाँ संभाल कर बिरले ही लोग कुछ सकरात्मक कर पाते है. अक्सर वो विनाशकारी ही होता है. लेकिन जीवन और दर्द का साथ तो आखिरी दम तक चलता है. ऐसे में उससे बचने के लिए हौसला वही चाहिए जो नून मीम दानिश ने इस शेर में कहा था-

    मैं रेज़ा-रेज़ा तो होता हूँ हर शिकस्त के बाद
    लेकिन निढाल बहुत देर तक नहीं रहता

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  5. वाह !!! बहुत उम्दा लाजबाब अभिव्यक्ति ,,,

    RECENT POST: गुजारिश,

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  6. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अमर शहीद कैप्टन विक्रम 'शेरशाह' बत्रा को सलाम - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  7. शानदार अभिव्यक्ति ...बेहतरीन
    ब्लॉग बुलेटिन से यहाँ पहुंचना अच्छा लगा ...!!

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  8. बहुत बढ़िया लिखा है आपने,
    आप हमारे फोरम पर भी अपने लेख पोस्ट करने के लिए आमंत्रित है, आपका इंतज़ार रहेगा !
    आशा करता हूँ कि जल्दी ही आपसे फोरम पर मुलाकात होगी ! :)
    Ladies Mantra Forum

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  9. सुन्दर प्रस्तुति . बधाई आपको .

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  10. यादों की कैद से तो बाहर आना ही पढता है ... जीवन का असल रंग तब ही नज़र अत है ...
    लाजवाब रचना है ...

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  11. अतीत के दर्द को भूलना मुश्किल होता है
    पर जैसा भी हो वर्तमान को खुशनुमा बनाने की कोशिश होनी चाहिए
    सुन्दर रचना

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  12. प्रभावशाली लेखन ..
    बधाई भाई !

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  13. बहुत खुबसूरत रचना...... सच दूर के ढोल सुहाने लगते है लेकिन नजदीक जाने पर सच्चाई कुछ और ही होती है

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  14. बहुत सुन्दर रचना पढने को मिली बहुत बहुत बधाई ,पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ फोलो भी कर रही हूँ यहाँ आकर अच्छा लगा ,मिलते रहेंगे

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आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.

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