Tuesday 28 April 2015

गाजे बाजे बाराती


मौसा, मौसी, ताऊ, फूफा
दुल्हे के सब साथी
बज रहे हैं गाजे बाजे
नाच रहे बाराती.

मेट्रो सी चमक रही
दिल्ली वाली भाभी
चक्करघिन्नी सी घूमे अम्मा
टांग कमर में  चाभी
घुटनों का दर्द छुपाये
देख सभी को  मुस्काती

नई सूट पहन कर भैया,
नाश्ते का पैकेट बाँट रहा
अपने लिए भी कोई
कटरीना, करीना छांट रहा
लहंगा चोली पहन के छोटी
घूमती है  इतराती

जनक जीवन की मुश्किल बेला
विदा हो रही सीता
भीतर में कुछ टूट रहा
भर गयी है रिक्तता
पत्थर सी आँखों में
जल बूंदे  बहती आती ..
............. #नीरज कुमार नीर
#neeraj_kumar_neer
#navgeet #mousa #mousi #dard #barat #metro katrina #kareena  

Tuesday 21 April 2015

वागर्थ के अप्रैल 2015 अंक में प्रकाशित तीन कवितायें

मित्रों आपसे साझा कर रहा हूँ वागर्थ के अप्रैल 2015 अंक में प्रकाशित मेरी तीन कवितायें .... तीनों कवितायें वर्ष 2014 के दौरान आदिवासी समुदाय की आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियों को केंद्र बिन्दु बनाकर लिखी हुई हैं ... 


#wagarth #neeraj_kumar_neer  #hindi_poems 

Tuesday 7 April 2015

ले गए चैन करार


मन सरिता में उठी तरंगे
देखा  बैठ  किनारे 
ले गए  चैन  करार 
प्रिय नीरज नैन तुम्हारे।  

अहसासों के अंबर में 
खग बनकर तुम उड़ती हो 
प्रेम सरोवर के तल पर 
मीन मचलती फिरती हो 
तुम पूनम की चाँद सखी री 
नभ में कई सितारे । 

तुम पाटल की पांखुरी
इस जीवन में भरो सुवास 
कभी तो  मिलने आ जाओ
बंधी   हुई  है  आस 
मन का मेरा पपीहरा 
पल पल तुम्हें पुकारे। 

स्वर्ण कलश की अमृत तुम
बूंद एक तो छलकाओ
अमर प्रेम हो जाएगा
अधरों से अगर पिलाओ
तृषा लिए पनघट पर है
प्यासा पथिक  खड़ा रे ।

प्रेम रस सदा एक सा
चाहे आदि, मध्य या अंत 
प्रेम साचा गंगा का पानी
बहता  रहे अनंत 
प्रेम पथ का कुशल बटोही 
लक्ष्य को कहाँ निहारे। 

ले गए चैन करार 
प्रिय नीरज नैन तुम्हारे। 

मन सरिता में उठी तरंगे
देखा बैठ किनारे 
ले गए चैन करार 
प्रिय नीरज नैन तुम्हारे। 
............. नीरज कुमार नीर
#neeraj_kumar_neer

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