Thursday, 18 July 2013

नापाकशाला

पाठ शाला बनी पाक शाला ,
शिक्षक महाराज बन गये .
शिक्षा के मन्दिर थे जो कभी,
अब डूबते जहाज बन गए.

ठगों ने पाठशाला से चुराकर पाठ,
नापाक इरादों से पाक कर  दिया.
नन्हे नन्हे मासूम निर्दोष सपनो को
पलने से पहले खाक कर दिया .

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बाईस मासूम , भूखे बच्चे ..
जिनकी प्राथमिकता थी, एक बार पेट भर भोजन .
काल कलवित हो गये, पेट भरने की चाह में .
बाईस मासूम जाने भी ध्यान नहीं खिंच पायी
देश के बुद्धिजीवियों का .
एक आतंकवादी के मरने पर दर्द होता है जिनके पेट में
उनके लिए बाईस मासूम जानो की अहमियत नहीं .
जूँ भी नहीं रेंगी देश के हुक्मरानों के कान पर .
ये बच्चे निर्दोष नहीं थे , दोष था इनका
दोष था इनके माँ –बाप का

इनके सर पर गोल टोपी नहीं थी .

......... नीरज कुमार 'नीर'

14 comments:

  1. सही शब्द दिए हैं आपनें !!

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  2. मार्मिक-

    आतंकी की मौत पर, अश्रु बहा घड़ियाल |
    भोजन पर बच्चे बुला, बाइस करे हलाल ||

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  3. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवारीय चर्चा मंच पर ।।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद रविकर साहब आपका .

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  4. दुखद घटना, क्रोध किस पर व्यक्त करें हम..

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  5. बहुत ही दर्दनाक घटना.... दर्द को बखूबी वयां करती अभिव्यक्ति !!

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  6. कितने मतलबपरस्त और निर्मम हैं ये ग़ैरजिम्मेदार लोग !

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  7. बेहद दर्दनाक. अगर यह बात सच है कि जानबूझकर कीटनाशक मिलाया गया था यह वाकई इंसानियत को रौंदने वाली घटना है यह. उम्मीद है सच बाहर निकले शीघ्र और दोषी को उचित सज़ा मिले.

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    1. आदरणीय निहार रंजन जी , घटना दर्दनाक तो है ही उससे भी अधिक ह्रदय विदारक सरकार में शामिल लोगों की उन मासूमों के प्रति निष्ठुरता है. बस मरने वालों के लिए दो लाख रूपये की घोषणा करके अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली . अब सरकारी स्कूल में पढाई के बदले शिक्षक गण भोजन के इंतज़ाम में लगे रहते हैं , ऐसे में पढाई का तो बंटाधार होना ही है

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  8. वाह ! शानदार प्रस्तुति . एक - एक शब्द का चयन बहुत ही खूबसूरती से किया गया है .बधाई .

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    -स्वप्निल शुक्ला

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  9. बहुत अच्छी रचना, बहुत सुंदर मार्मिक-

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  10. संवेदनहीन लोग .. समाज ..
    जान की कीमत बस अपना फायदा रह गया है ...

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आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.