मैं जो दर्द अनुभव करता हूँ , जो दुःख भोगता हूँ, जिस आनंद का रसपान करता हूँ , जिस सुख को महसूस करता हूँ, मेरी कवितायें उसी की अभिव्यंजना मात्र है ।
बहुत सुन्दर और सामयिक।आपकी ढपली का जवाब नहीं।
लॉकडाउन के दौरान बच्चो की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू, सुबह 9 से 12 बजे तक
बहुत सुंदर गीत
आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.
बहुत सुन्दर और सामयिक।
ReplyDeleteआपकी ढपली का जवाब नहीं।
लॉकडाउन के दौरान बच्चो की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू, सुबह 9 से 12 बजे तक
ReplyDeleteबहुत सुंदर गीत
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