(पति पत्नी में मंहगाई को लेकर होली पर नोकझोक)
बलम ना करो बलजोरी
अबके फागुन खेलूंगी ना
तोरे संग मैं होरी .
बलम ना करो बलजोरी .
मेरी बात माने नाहीं
मैं ना मानूंगी तोरी.
बलम ना करो बलजोरी.
बलम ना करो बलजोरी.
चांदी की पिचकारी लाओ,
लाओ रंग गुलाबी लाल,
जयपूर से लंहगा लाओ
तब जाकर छुओ गाल.
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मंहगाई की मार ने गोरी
जीना किया मुहाल.
पिचकारी मंहगी हुई
मंहगा हुआ गुलाल.
आओ हम रंग चुरा लें
प्रीत की फुलवारी से
आओ खेले हम होली
नयनन की पिचकारी से.
नयनन की पिचकारी से
एक दूजे को रंग लगाएंगे
हाथों में ले अबीर नेह का
गालों को लाल कर जायेंगे.
............ #नीरज कुमार ‘नीर’
#neeraj_kumar_neer
#होली #holi #rang #मंहगाई #manhgai #pichkari #gulal
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बहुत उम्दा सराहनीय होली गीत,,बधाई नीरज जी,,
ReplyDeleteहोली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाए,,,
Recent post : होली में.
बहुत शुक्रिया जनाब
Deletebahut sunder geet. baghai ho Neeraj ji
ReplyDeletekripya mere blog par bhi aiye , aapka swagat hai
mai aapko foolow kar raha hun aap bhi mujhe foolow karen , mujhe khusi hogi
बहुत शुक्रिया जनाब.
Deleteबहुत ही प्यार वाली होरी है यह. शुभकामनाएं होली की.
ReplyDeleteनिहार जी आपका बहुत आभार और होली की ढेर सारी शुभकामनायें.
Deleteहोली की शुभ कामना !!
ReplyDeleteबहुत अच्छा व्यंग्य है !
धन्यवाद और होली की आपको भी बहुत शुभकामनायें
Deletesahi bat ...ye sabse acchi holi...
ReplyDeleteWaah..Waah..
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