सुगंध बनकर आ जाओ तुम
मेरे जीवन के मधुबन में
पुष्प मनोरम बन खिल जाओ
पल पल में जीवन महकाओ
पल पल में जीवन महकाओ
परितप्त ह्रदय के मरुतल पर
बन कर मेघा दल छा जाओ
बस जाओ न प्रतिबिम्ब बनकर
मेरे जीवन के दर्पण में.
सुगंध बनकर आ जाओ तुम
मेरे जीवन के मधुबन में ..
तुझ से ही है मेरा होना
तुझ से मिलकर हँसना रोना
तुम चन्दा, मैं टिम टिम तारा
अर्पण तुझ पर जीवन सारा
तुझ से दूर रहूँ मैं कैसे
आसक्त बंधा हूँ बंधन में
सुगंध बनकर आ जाओ तुम
मेरे जीवन के मधुबन में ...
प्रेम भाव की अविरल धारा
तुम दिल जीती या मैं हारा
बात बराबर दोनों ही है
तुम मेरी या मैं तुम्हारा
एक ख्वाब बन कर बसी रहो
तुम मेरे दोनों नयनन में
सुगंध बनकर आ जाओ तुम
मेरे जीवन के मधुबन में ..
#NEERAJ_KUMAR_NEER
#नीरज कुमार नीर
चित्र गूगल से साभार
चित्र गूगल से साभार
#geet #love #prem #hindi_geet

बहुत ही सुन्दर मधुर गीत, धन्यबाद नीरज जी।
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना रविवार 13 अप्रेल 2014 को लिंक की जाएगी...............
ReplyDeletehttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in
आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
आभार आपका ..
Deleteमधु रस से भरपूर मधु सी मधुर रचना ! अति सुंदर !
ReplyDeleteबहुत मधुर रचना.
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteमधुर पोरेम कि कोमल भावनाएं .. हिलोरें लेता प्रेम गीत ...
ReplyDeletebahut hi pyari bhaavnayen, achha laga paathan.
ReplyDeleteshubhkamnayen
प्रेम का यह शब्द निर्झर बहुत मन भाया.
ReplyDeleteप्रेम भाव की अविरल धारा
ReplyDeleteतुम दिल जीती या मैं हारा
बात बराबर दोनों ही है
तुम मेरी या मैं तुम्हारा
एक ख्वाब बन कर बसी रहो
तुम मेरे दोनों नयनन में
सुगंध बनकर आ जाओ तुम
मेरे जीवन के मधुबन में ..
बहुत खूब