मैं जो दर्द अनुभव करता हूँ , जो दुःख भोगता हूँ, जिस आनंद का रसपान करता हूँ , जिस सुख को महसूस करता हूँ, मेरी कवितायें उसी की अभिव्यंजना मात्र है ।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति नीरज जी
अच्छी भावात्मक रचना है !
बेहद सुन्दर
प्रभावी ... डूबने के बाद तक भी खारा पानी तो फिर भी रहेगा ...
बहुत सुन्दर..
बहुत अच्छे. सर जी
आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति नीरज जी
ReplyDeleteअच्छी भावात्मक रचना है !
ReplyDeleteअच्छी भावात्मक रचना है !
ReplyDeleteबेहद सुन्दर
ReplyDeleteप्रभावी ... डूबने के बाद तक भी खारा पानी तो फिर भी रहेगा ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर..
ReplyDeleteबहुत अच्छे. सर जी
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