वो हमसफर तो है पर हमनवा नहीं है
वो धूप छांव है ताजा हवा नहीं है.... ।
वो फूल सा दिखाई देता है मगर ...
पास उसके दर्द की कोई दवा नहीं है ।
वो धूप छांव है ताजा हवा नहीं है.... ।
वो फूल सा दिखाई देता है मगर ...
पास उसके दर्द की कोई दवा नहीं है ।
.... #neeraj_kumar_neer
नीरज कुमार नीर
सुंदर रचना। नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। सादर ... अभिनन्दन।।
ReplyDeleteनई कड़ियाँ :- खुद बदलेंगे तो देश बदलेगा - मनोज बाजपेयी
हर कोई दर्द की दावा जहां कर सकता है ...
ReplyDeleteवाह ! बहुत खूब।
ReplyDeleteवाह ! बहुत खूब।
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