Tuesday, 5 January 2016

पास उसके दर्द की कोई दवा नहीं है

वो हमसफर तो है पर हमनवा नहीं है
वो धूप छांव है ताजा हवा नहीं है.... ।
वो फूल सा दिखाई देता है मगर ...
पास उसके दर्द की कोई दवा नहीं है ।
.... #neeraj_kumar_neer  
नीरज कुमार नीर 

4 comments:

  1. सुंदर रचना। नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। सादर ... अभिनन्दन।।

    नई कड़ियाँ :- खुद बदलेंगे तो देश बदलेगा - मनोज बाजपेयी

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  2. हर कोई दर्द की दावा जहां कर सकता है ...

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  3. वाह ! बहुत खूब।

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  4. वाह ! बहुत खूब।

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आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.

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