कभी कभी मैं डर जाता हूँ
सोचकर ...
कितनी डरावनी रही होगी
अनारकली की मौत
मृत्यु के कुछ सबसे खतरनाक तरीकों में है
दीवार में चुनवा देना ....
लिफ्ट में फँसे आदमी से
कितनी गुना भयानक रही होगी
अनारकली की बेचैनी
घनघोर अँधेरे में अपनी ही छोड़ी हुई साँसे
घोट रही होंगी
उसका गला
हर हलचल पर दिखती होगी
ईंटे खिसकती हुई
होता होगा भ्रम कि
कलेजे में भर रही है ताज़ा हवा
या कि खुदा का क़हर नाज़िल हो रहा है
ईंटे चुनवाने वाले पर
और दीवार दरक रही है अपने आप ...
कितनी बेचैन रही होगी अनारकली
बेहोश होने के पूर्व तक
जब मृत्यु के स्वामी ने मुस्कुराते हुआ
किया होगा उसका वरण
शायद सलीम का रूप धर कर आया होगा
मृत्यु का देवता
प्रेम की सबसे कठिन परीक्षा जो पास की थी
अनार कली ने
अकबर की आंखे क्या कभी नज़र मिला पाती होगी
उस दीवार से ?
सलीम ने क्या कभी महसूस किया होगा
अनारकली को नूरजहाँ के अधरों पर ?
“जोधा अकबर” फिल्म का पोस्टर चिपका है
उसी दीवार पर
जिसके भीतर चुनवा दी गयी थी
अनारकली प्रेम करने के जुर्म में
मैं कभी कभी डर जाता हूँ
नए प्रतीक गढ़ने वालों की चतुराई से
जो नागफनी के काँटों में ढूंढते है खुश्बू
और गुलाब को रखते हैं लपेट कर
चादरों के नीचे
उपजाते हैं नई परिभाषायें
लगाते हैं नए अर्थ
जिन्होंने बना दिया अकबर को प्रेम का प्रतीक
मैं डर जाता हूँ कभी कभी सोचकर कि
कोई इतिहासकार किसी दिन
झुठला न दे
अनारकली का होना
और उसे घोषित कर दे
एक मिथकीय चरित्र
... नीरज नीर
13/09/2017
मिथक है कि सच, नहीं कह सकते ! पर जब यही स्थिति बादशाह बनने के बाद सलीम के सामने आई, शाहजहां को ले कर, तो उसने भी वही किया जो इस कहानी में है !!
ReplyDeleteये तो पता नहीं ये मिथक है या सच ....
ReplyDeleteपर प्रेम की दुनिया के इतिहास में दर्ज ऐसे पात्र सदियों तक ख़त्म नहीं होते ...
अच्छी रचना है ...
झूटी तो जोधा और अकबर की प्रेम कहानी थी। अकबर का कोई रिश्ता तो जोधा से रहा ही नही। अगर कोई रिश्ता था तो वो था बहु ससुर का।
ReplyDeleteफिल्मनिर्माता समाज और इतिहास के आईने को चमकाने वाला होता है लेकिन यहाँ इन्होंने धुंधला कर दिया या कालिक ही पोत दी आईने पर।
कितनी ही अनारकली गुमनाम हो चुकी इस इतिहास में जो बादशाहो के हत्थे चढ़ गई।
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ReplyDeletehinditech
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