तुम बहो प्रिय नीर बनकर,
मेरे जीवन की सरिता में.
भाव उद्वेग प्रस्फुटित हो,
प्रबल बहाव हो कविता में.
कंटक पथ पर पुष्प बनो,
दृष्टि अनुरागी नैनो की .
स्वप्न सुहाने चिर निरंतर,
दृग उन्मीलित रैनो की.
प्रेम तत्व से जग बना, तुम
प्रेम की जागती परिभाषा.
प्रेम भरा हो , मेरे उर में
दीप्त दीप अविरल आशा.
सोमधरी अधर तुम्हारे
तुम नगर वधु सी कामिनी.
प्रिय तुम्हारे पलकों पर ही
है सोती जगती यामिनी.
सब तुम्हारे चाहने वाले
नयन बिछाए राहों में.
कपोलों पर कुंतल बिखराए
बसती हो कितनी आहों में .
.... नीरज कुमार नीर
मेरे जीवन की सरिता में.
भाव उद्वेग प्रस्फुटित हो,
प्रबल बहाव हो कविता में.
कंटक पथ पर पुष्प बनो,
दृष्टि अनुरागी नैनो की .
स्वप्न सुहाने चिर निरंतर,
दृग उन्मीलित रैनो की.
प्रेम तत्व से जग बना, तुम
प्रेम की जागती परिभाषा.
प्रेम भरा हो , मेरे उर में
दीप्त दीप अविरल आशा.
सोमधरी अधर तुम्हारे
तुम नगर वधु सी कामिनी.
प्रिय तुम्हारे पलकों पर ही
है सोती जगती यामिनी.
सब तुम्हारे चाहने वाले
नयन बिछाए राहों में.
कपोलों पर कुंतल बिखराए
बसती हो कितनी आहों में .
.... नीरज कुमार नीर
#neeraj_kumar_neer
चित्र गूगल से साभार ..
अति सुन्दर..प्रेम में डूबे शब्द-शब्द.
ReplyDeleteक्या बात है नीरज साहब काव्य रस वर्षं भाव शान्ति करती तदानुभूति कराती रचना प्रेम की।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - बुधवार - 25/09/2013 को
ReplyDeleteअमर शहीद वीरांगना प्रीतिलता वादेदार की ८१ वीं पुण्यतिथि - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः23 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra
बहुत सुंदर रचना !
ReplyDeleteनई रचना : सुधि नहि आवत.( विरह गीत )
बहुत सुन्दर प्रेमासिक्त रचना !
ReplyDeleteLatest post हे निराकार!
latest post कानून और दंड
सुंदर , अति सुंदर रचना बहुत बधाई आपको आ0 नीरज जी ।
ReplyDeleteप्रेमपगी रचना..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर नीरज जी .
ReplyDeleteनई पोस्ट : एक जादुई खिलौना : रुबिक क्यूब
सुंदरता भी शरमा जाये ऐसी अनुपम कामिनी का चित्र उकेर दिया आपने तो
ReplyDeleteतुम बहो नीर बनकर,
ReplyDeleteमेरे जीवन की सरिता में.
भाव उद्वेग प्रस्फुटित हो,
प्रबल बहाव हो कविता में.
सौन्दर्य है,प्रेम है तभी कविता भी है
बहुत सुन्दर शब्द व भाव संयोजन !
बहुत ही सुंदर रचना नीरज जी | मैंने आपका ब्लॉग फॉलो भी कर लिया है | आप भी आयें |
ReplyDeleteमेरी नई रचना :- जख्मों का हिसाब (दर्द भरी हास्य कविता)
आपके ब्लॉग को ब्लॉग"दीप" में शामिल किया गया है | जरूर पधारें और फॉलो कर उत्साह बढ़ाएँ |
ReplyDeleteब्लॉग"दीप"
प्रेम में पगी पावन पंक्तियाँ
ReplyDeleteखूबसूरत रचना
आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी यह रचना आज सोमवारीय चर्चा(http://hindibloggerscaupala.blogspot.in/) में शामिल की गयी है, आभार।
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत कविता श्री नीरज जी |
ReplyDeleteबहुत सुंदर चित्र |
किसी ने कहा हैं-
'तुमने , बर्बाद जिन्दगी करली , जिसमे ,
उस मुहब्बत को , मजहब बना लिया हमने'
डॉ अजय
“किन्तु पहुंचना उस सीमा में………..जिसके आगे राह नही!{for students}"
सुन्दर रचना
ReplyDeletesundar rachna hai badhai
ReplyDeleteनीरज जी, कहाँ सरकारी नौकरी में अपना समय बर्बाद कर रहे है, आपको तो किसी विश्वविद्यालय में हिंदी का प्रोफेसर होना चाहिए.
ReplyDeletesir! you have amezing writing skill.....awsm poem
ReplyDeletevery nice poetry.....
ReplyDeleteकल 29/अगस्त/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद !
सुंदर .....
ReplyDeleteBahut Khoob!
ReplyDeleteसुन्दर शब्द रचना........
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in
बहुत ही बढ़िया article है। ........ very nice and with awesome depiction .... Thanks for sharing this!! :)
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