कलरव करते विहग.
सुन्दर फूल , गिरि , तरु
अरुणाई उषा की.
रजनी से मिलन शशि का.
जल, वर्षा , इन्द्रधनुष,
कोटि जीव , वीर पुरुष.
सब कितना मंजुल जग में
प्रकृति का रूप अनूप,
लेकिन,
नारी, तुम हो
जगत में
प्रकृति का सबसे सुन्दर
रूप.
...... नीरज नीर
#neeraj_neer
चित्र गूगल से साभार
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सच लिखा है. और उनमे सबसे प्यारा रूप माँ का. जिसपर लिखते रह जायें और कविता छोटी पड़ती रहे.
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ReplyDeleteबहुत सुन्दर मन के भाव। बधाई
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteप्रभावी-
आभार नीरज जी -
मन के भावों की बहुत सुंदर प्रस्तुति.!
ReplyDeleteRECENT POST : पाँच दोहे,
सुन्दर रचना।। आभार।
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प्रकृति के सुन्दर रूप पर ...एक सुन्दर रचना...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना !
ReplyDeleteनवीनतम पोस्ट मिट्टी का खिलौना !
नई पोस्ट साधू या शैतान
ReplyDeleteSuresh RaiOctober 5, 2013 at 6:40 PM
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
सुरेश राय
कभी यहाँ भी पधारें और टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें
http://mankamirror.blogspot.in
बहुत खुबसूरत रचना.....
ReplyDeleteप्रभावपूर्ण रचना आभार, वंदे मातरम्: प्रतिघात
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति, नवरात्रि की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं .
ReplyDeleteBahut khub.
ReplyDeleteसच में नीरज जी बिना इसके सृष्टि ही अधूरी हो जाती है सुन्दर भाव और प्रकृति का चित्रण
ReplyDeleteभ्रमर ५
बेह्तरीन अभिव्यक्ति!!शुभकामनायें.
ReplyDeletebehtreen rachna....
ReplyDeleteनारी के सुखद साथ से ये सभी चीजें ओर भी सुन्दर लगती हैं तो नारी तो ओने आप में ही इन सब से सुन्दर हो गई ... सुन्दर अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteनारी अस्तित्वा की सुन्दर अभियक्ति नीरज जी ..
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर व कोमल रचना।
ReplyDeleteसच कहती बहुत प्यारी व कोमल कविता।
ReplyDeleteसब कितना मंजुल जग में
ReplyDeleteप्रकृति का रूप अनूप,
--------------------------wah / v nc
It is a beautiful composition and very good use of words.
ReplyDeletebahut sundar rachna hai..
ReplyDeleteaap sabhi ka mere blog par swagat hai..
http://iwillrocknow.blogspot.in/
नारी के अनेक रूप | हर रूप मनमोहक, सहनशील, संघर्षरत, सुन्दर व् ममतामय |
ReplyDeleteसुन्दर रचना |
wah manbhavan parstuti
ReplyDeletebehtareen likha hai aapne..waah
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
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