Friday, 9 January 2015

सुख दुख और उच्छृंखल मन

उच्छृंखल मन 
करता है खेती 
विचारों की 
और उपजाता है 
फसल
सुख और दुःख  के 
.... 
नीरज कुमार नीर 
neeraj kumar neer 

4 comments:

  1. सच है विचारों से ही उपजता है सुख और दुःख ...
    भावपूर्ण ...

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  2. Bahut sunder rachna saty hai.. Man ki upaj hai sukh dukh

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