इश्क़ में नुकसान भी नफा ही लगे
बेवफाई वो करें वफा ही लगे
पास कितने दिल के रहता है वो मेरे
फिर भी जाने क्यूँ जुदा जुदा ही लगे
अच्छे जब उन्हें रकीब लगने लगे
बात मेरी तब से तो खता ही लगे
जी रहा हूँ क्योंकि मौत आई नहीं
बाद तेरे जीस्त बेमजा ही लगे
रहता है खुश उसकी मैं सुनूँ गर सदा
जो कहूँ अपनी उसे बुरा ही लगे
और आखिर में किसानों के लिए :
खेत सूखे औ अनाज घर में नहीं
जिंदगी से बेहतर कजा ही लगे
नीरज कुमार नीर
#Neeraj_Kumar_Neer
बेवफाई वो करें वफा ही लगे
पास कितने दिल के रहता है वो मेरे
फिर भी जाने क्यूँ जुदा जुदा ही लगे
अच्छे जब उन्हें रकीब लगने लगे
बात मेरी तब से तो खता ही लगे
जी रहा हूँ क्योंकि मौत आई नहीं
बाद तेरे जीस्त बेमजा ही लगे
रहता है खुश उसकी मैं सुनूँ गर सदा
जो कहूँ अपनी उसे बुरा ही लगे
और आखिर में किसानों के लिए :
खेत सूखे औ अनाज घर में नहीं
जिंदगी से बेहतर कजा ही लगे
नीरज कुमार नीर
#Neeraj_Kumar_Neer
वाह ... कई शेर बहुत लाजवाब बन पड़े हैं ... बधाई इस ग़ज़ल की ...
ReplyDeleteबिलकुल सही है
DeleteHey keep posting such good and meaningful articles.
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