मैं प्रस्तुत कविता
समस्त नारी जाति को सादर समर्पित करता
हूँ. अपनी अर्द्धांगिनी को जिनकी कार्य क्षमता,
प्रेम, वात्सल्य, जीवन के प्रति
सकारात्मकता एवं साहस का जिसका मैं सदैव
कायल रहा हूँ को इसकी प्रेरणा मानता हूँ.
नारी तुम शक्ति हो, श्रद्धा भी,
लक्ष्मी, सरस्वती हो, दुर्गा भी
भगिनी हो, माँ हो, स्वयं प्रकृति हो,
प्रेम हो, जीवन निर्वृति हो
तुम्हारे शोणित से सिंचित हो
मानव जीवन पाता है
ख्वाब जो तुम बुनती हो नारी
रूप वही नर पाता है
तुम सुभग हो, सश्रीक हो,
स्थिर हो, निर्भीक हो
जन्म ही नहीं
जीवन भी देती हो
आंचल की छांव में
अमृत भर देती हो
शरद शशि सी भावन
मन तुम्हारा पावन
हे नारी ! तुम स्तुत्य हो
शत शत तुम्हे नमन.
लक्ष्मी, सरस्वती हो, दुर्गा भी
भगिनी हो, माँ हो, स्वयं प्रकृति हो,
प्रेम हो, जीवन निर्वृति हो
तुम्हारे शोणित से सिंचित हो
मानव जीवन पाता है
ख्वाब जो तुम बुनती हो नारी
रूप वही नर पाता है
तुम सुभग हो, सश्रीक हो,
स्थिर हो, निर्भीक हो
जन्म ही नहीं
जीवन भी देती हो
आंचल की छांव में
अमृत भर देती हो
शरद शशि सी भावन
मन तुम्हारा पावन
हे नारी ! तुम स्तुत्य हो
शत शत तुम्हे नमन.
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#नीरज नीर
सश्रीक : सुंदर , सौभाग्यशाली
#mahila_diwas #women #
#महिला_दिवस #8march
#love #life #प्यार
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सुन्दर भाव-
ReplyDeleteशुभकामनायें प्रिय नीरज-
नारी को प्रणाम-
बहुत आभार रविकर जी..
Deleteनारी कि महानता उसकी सुंदरता को सुन्दर शब्दों में व्यक्त किया है..बहुत ही सुंदर रचना...
ReplyDelete:-)
सुन्दर भाव.....
ReplyDelete
ReplyDeleteतू मूरत ममता की,
पराकाष्ठा क्षमता की।
सहिष्णुता की हिमालय,
श्ल्याघ्य तेरा वात्सल्य.
ह्रदय गह्वर में
करुणा का सागर समेटे,
जीवन पर्यंत चलती हो.
नित्य अहर्निश कार्य करती,
फिर भी कभी ना थकती हो .
शरदिंदु सी भावन,
पावन तेरा मन.
हे नारी ! तुम स्तुत्य हो,
शत शत तुम्हे नमन.
मातृशक्ति , महिलाशक्ति , नारी शक्ति को समर्पित सुन्दर अलफ़ाज़ लिखे हैं आपने कविवर नीरज जी ! और भी है की नारिशक्ति अब जाग चुकी है !
नारी की विशेषताओं को बताती हुई एक बहुत ही अच्छी कविता
ReplyDeleteवाह ।
ReplyDeleteअपनी पत्नी को भी सुना सकते हैं क्या इसे नीरज :)
:) हाँ हाँ जरूर क्यों नहीं आदरणीय ..
Deleteनारी ईश्वर की सुन्दर रचना और भविष्य की पीढ़ियों की रचनाकार भी अतः पूजनीय ! सुन्दर शब्द व्याख्यान !
ReplyDeleteसुंदर,नारी शक्ति को समर्पित सुन्दर रचना| तू जन्म ही नहीं देती !
ReplyDeleteजीवन भी देती हो। हे नारी ! तुम स्तुत्य हो, तुम्हे
शत शत नमन. पावन तेरा मन|
नारी तुम शक्ति हो, श्रद्धा भी,
लक्ष्मी, सरस्वती हो दुर्गा भी.
भगिनी हो, माँ हो, स्वयं प्रकृति हो,
सुंदर,नारी शक्ति को समर्पित सुन्दर रचना| तू जन्म ही नहीं देती !
ReplyDeleteजीवन भी देती हो। हे नारी ! तुम स्तुत्य हो, तुम्हे
शत शत नमन. पावन तेरा मन|
नारी तुम शक्ति हो, श्रद्धा भी,
लक्ष्मी, सरस्वती हो दुर्गा भी.
भगिनी हो, माँ हो, स्वयं प्रकृति हो,