पाठ शाला बनी पाक शाला ,
शिक्षक महाराज बन गये .
शिक्षा के मन्दिर थे जो
कभी,
अब डूबते जहाज बन गए.
ठगों ने पाठशाला से चुराकर
पाठ,
नापाक इरादों से पाक
कर दिया.
नन्हे नन्हे मासूम निर्दोष
सपनो को
पलने से पहले खाक कर दिया .
*************
बाईस मासूम , भूखे बच्चे
..
जिनकी प्राथमिकता थी, एक
बार पेट भर भोजन .
काल कलवित हो गये, पेट
भरने की चाह में .
बाईस मासूम जाने भी ध्यान
नहीं खिंच पायी
देश के बुद्धिजीवियों का .
एक आतंकवादी के मरने पर
दर्द होता है जिनके पेट में
उनके लिए बाईस मासूम जानो
की अहमियत नहीं .
जूँ भी नहीं रेंगी देश के
हुक्मरानों के कान पर .
ये बच्चे निर्दोष नहीं थे
, दोष था इनका
दोष था इनके माँ –बाप का
इनके सर पर गोल टोपी नहीं
थी .
......... नीरज कुमार 'नीर'
सही शब्द दिए हैं आपनें !!
ReplyDeleteमार्मिक-
ReplyDeleteआतंकी की मौत पर, अश्रु बहा घड़ियाल |
भोजन पर बच्चे बुला, बाइस करे हलाल ||
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवारीय चर्चा मंच पर ।।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद रविकर साहब आपका .
Deleteदुखद घटना, क्रोध किस पर व्यक्त करें हम..
ReplyDeleteमार्मिक दुखद घटना,
ReplyDeleteRECENT POST : अभी भी आशा है,
बहुत ही दर्दनाक घटना.... दर्द को बखूबी वयां करती अभिव्यक्ति !!
ReplyDeleteकितने मतलबपरस्त और निर्मम हैं ये ग़ैरजिम्मेदार लोग !
ReplyDeleteबेहद दर्दनाक. अगर यह बात सच है कि जानबूझकर कीटनाशक मिलाया गया था यह वाकई इंसानियत को रौंदने वाली घटना है यह. उम्मीद है सच बाहर निकले शीघ्र और दोषी को उचित सज़ा मिले.
ReplyDeleteआदरणीय निहार रंजन जी , घटना दर्दनाक तो है ही उससे भी अधिक ह्रदय विदारक सरकार में शामिल लोगों की उन मासूमों के प्रति निष्ठुरता है. बस मरने वालों के लिए दो लाख रूपये की घोषणा करके अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली . अब सरकारी स्कूल में पढाई के बदले शिक्षक गण भोजन के इंतज़ाम में लगे रहते हैं , ऐसे में पढाई का तो बंटाधार होना ही है
Deleteवाह ! शानदार प्रस्तुति . एक - एक शब्द का चयन बहुत ही खूबसूरती से किया गया है .बधाई .
ReplyDeleteमेरा ब्लॉग स्वप्निल सौंदर्य अब ई-ज़ीन के रुप में भी उपलब्ध है ..एक बार विसिट अवश्य करें और आपकी महत्वपूर्ण टिप्पणियों व सलाहों का स्वागत है .आभार !
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-स्वप्निल शुक्ला
बहुत अच्छी रचना, बहुत सुंदर मार्मिक-
ReplyDeleteसंवेदनहीन लोग .. समाज ..
ReplyDeleteजान की कीमत बस अपना फायदा रह गया है ...
दुखद पर सच .....
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