संध्या निश्चित है ,
सूर्य अस्ताचल की ओर
है अग्रसर ..
मुझे संदेह नहीं
अपनी भिज्ञता पर
तुम्हारी विस्मरणशीलता के प्रति
फिर भी अपनी बात सुनाता हूँ.
आओ बैठो मेरे पास
जीवन गीत सुनाता हूँ.
डूबेगा वह सूरज भी
जो प्रबलता से अभी
है प्रखर .
तुम भूला दोगे मुझे, कल
जैसे मैं था ही नहीं कोई.
सुख के उन्माद में मानो
आने वाली व्यथा ही नहीं कोई.
सत्य का स्वाद तीखा है,
असत्य क्षणिक है,
मैं सत्य सुनाता हूँ
भ्रम का अस्तित्व भी
सत्य की ओट लेकर
है निर्भर ..
खोकर बूंद भर पानी
सरिता कब रूकती है
जल राशि में गौण है बूंद
सरिता आगे बढ़ती है.
कुछ भी अपरिहार्य नहीं.
सत्य पर सब मौन है
मैं वही बताता हूँ
काल का चक्र कब रुका
चलता रहता
है निरंतर ..
संध्या निश्चित है ,
सूर्य अस्ताचल की ओर
है अग्रसर..
.. #नीरज कुमार नीर
#neeraj_kumar_neer
#hindi_poem
जीवन-दर्शन की सहज अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसंध्या निश्चित है ,
ReplyDeleteसूर्य अस्ताचल की ओर
है अग्रसर..
अस्त होना और फिर उदय होने यही सूर्य की नियति है कभी उससे पीछे नहीं हटता वह
बहुत सुन्दर
बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति ! जीवन की यही गति है ! उदय के साथ अस्त अपरिहार्य और अवश्यम्भावी है ! सार्थक सृजन !
ReplyDeleteजीवन गतिमान है.. काल चक्र चलता रहता है ...उदय के साथ अंत भी है हर चीजों का .. सुन्दर स्तुति !!
ReplyDeleteसत्य पर सब मौन है
ReplyDeleteमैं वही बताता हूँ
काल का चक्र कब रुका
चलता रहता
है निरंतर ..
बहुत सुंदर रचना !!
जीवन की निरंतरता आने और जाने में ही तो है ...
ReplyDeleteसूर्यास्त भी खूबसूरत है :)
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ReplyDeleteBahut sundar
ReplyDeleteभाव गूढ़ और सत्य समाहित किये हैं. सुन्दर कृति.
ReplyDeleteKya khub likha hai
ReplyDeleteनिश्चित रूप से बूंद सरिता में गौण ही नहीं बहुत ही गौण है।
ReplyDeleteसच है की संध्या निश्चित है पर उसके बाद भोर भी तो आनी है ... गौण होते हए भी बूँद का महत्त्व कम तो नहीं होता ...
ReplyDeleteसुख के उन्माद में मानो
ReplyDeleteआने वाली व्यथा ही नहीं कोई.
सत्य का स्वाद तीखा है,
असत्य क्षणिक है,
मैं सत्य सुनाता हूँ
भ्रम का अस्तित्व भी
सत्य की ओट लेकर
है निर्भर .. बेहतरीन काव्य-सृजन !
खोकर बूंद भर पानी
ReplyDeleteसरिता कब रूकती है
जल राशि में गौण है बूंद
सरिता आगे बढ़ती है.
कुछ भी अपरिहार्य नहीं.
सत्य पर सब मौन है
मैं वही बताता हूँ
काल का चक्र कब रुका
चलता रहता
है निरंतर ..
बहुत सुन्दर काव्य रचना
सूर्यास्त के बाद एक नई सुबह जीवन मे बहुत कुछ नया लाती है
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