लेकर ध्वजा राष्ट्र प्रेम की
आगे हम बढ़ें
खेतों में खुशहाली का
लहराये पैदावार
पेट भरे हर भूखे का
फैले सदाचार
अंत भ्रष्ट तंत्र का
मिटे दुराचार
युवा भारत में विकास की
नई परिभाषा हम गढ़ें ।
भुजाओं में बल
हृदय में साहस भरा
जाति धर्म और उंच-नीच से
मुक्त करें यह धरा
मन में कोई मैल नहीं
रहे सोने सा खरा
स्वस्थ देह हो और
खूब हम पढ़ें
लेकर ध्वजा राष्ट्र प्रेम की
आगे हम बढ़ें
....... नीरज कुमार नीर
#देशभक्ति #deshbhakti #deshprem #bhrastachar #dharm #neeraj #hindipoem #navgeet
बहुत सुन्दर देशप्रेम का सन्देश देती रचना ..
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (31-01-2015) को "नये बहाने लिखने के..." (चर्चा-1875) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार आपका ॥
Deleteदेशप्रेम से ओतप्रोत सुन्दर रचना। सादर।।
ReplyDeleteनई कड़ियाँ :- समर्पित योद्धा कवि का अवसान - डॉ. रवींद्र चतुर्वेदी (पंडित माखनलाल चतुर्वेदी जी की पुण्यतिथि पर विशेष)
गीत - जयशंकर प्रसाद (125वीं जयन्ती पर विशेष)
आमीन ... देश प्रेम का भाव हर ह्रदय में हो ... सुन्दर रचना है ...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना अपने देश के लिए
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)
ReplyDeleteRecent Post शब्दों की मुस्कराहट पर मेरी नजर से चला बिहारी ब्लॉगर बनने: )
सुन्दर प्रस्तुति
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