Thursday, 29 January 2015

आगे हम बढ़ें


लेकर ध्वजा राष्ट्र प्रेम  की 
आगे हम बढ़ें 

खेतों में खुशहाली का 
लहराये पैदावार
पेट भरे हर भूखे का 
फैले सदाचार 
अंत भ्रष्ट तंत्र का 
मिटे दुराचार 
युवा भारत में विकास की  
नई परिभाषा हम गढ़ें ।

भुजाओं में बल 
हृदय में साहस भरा 
जाति  धर्म और उंच-नीच से 
मुक्त करें यह धरा  
मन में कोई मैल नहीं 
रहे सोने सा खरा 
स्वस्थ देह हो और 
खूब हम पढ़ें

लेकर ध्वजा राष्ट्र प्रेम  की 
आगे हम बढ़ें
....... नीरज कुमार नीर 

#देशभक्ति #deshbhakti #deshprem #bhrastachar #dharm #neeraj #hindipoem #navgeet 

8 comments:

  1. बहुत सुन्दर देशप्रेम का सन्देश देती रचना ..

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  2. सार्थक प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (31-01-2015) को "नये बहाने लिखने के..." (चर्चा-1875) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. आमीन ... देश प्रेम का भाव हर ह्रदय में हो ... सुन्दर रचना है ...

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  4. बहुत ही सुन्दर रचना अपने देश के लिए

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  5. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)


    Recent Post शब्दों की मुस्कराहट पर मेरी नजर से चला बिहारी ब्लॉगर बनने: )

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  6. सुन्दर प्रस्तुति

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