क्या आपका बच्चा पढ़ता नहीं है ...... ?????
निराश न हों ...
....
......
....
उसे बलात्कारी बनाइये ,
खूंखार बलात्कारी ...........
स्त्री के योनि में सरिया घुसा कर
फाड़ देने वाला बलात्कारी ..............
स्तनों को काट लेने वाला बलात्कारी ........
बलात्कार की घटना के बाद..............
हजारों की संख्या में दीये और कैंडल जले ,
ऐसा बलात्कारी ,
वीभत्स बलात्कार ......
सुनने वाले की रूह काँप जाये ,
ऐसा बलात्कारी ......
फिर तीन वर्षों के सुधार कार्यक्रम के बाद
उसे सरकार देगी एक लाख रुपए और
दर्जी की दुकान .....
सरकार , न्याय व्यवस्था, सामाजिक संस्थाएं सब उसी के लिए तो है .....
तो निराश न हों
.... नीरज कुमार नीर
#neeraj_kumar_neer
निराश न हों ...
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उसे बलात्कारी बनाइये ,
खूंखार बलात्कारी ...........
स्त्री के योनि में सरिया घुसा कर
फाड़ देने वाला बलात्कारी ..............
स्तनों को काट लेने वाला बलात्कारी ........
बलात्कार की घटना के बाद..............
हजारों की संख्या में दीये और कैंडल जले ,
ऐसा बलात्कारी ,
वीभत्स बलात्कार ......
सुनने वाले की रूह काँप जाये ,
ऐसा बलात्कारी ......
फिर तीन वर्षों के सुधार कार्यक्रम के बाद
उसे सरकार देगी एक लाख रुपए और
दर्जी की दुकान .....
सरकार , न्याय व्यवस्था, सामाजिक संस्थाएं सब उसी के लिए तो है .....
तो निराश न हों
.... नीरज कुमार नीर
#neeraj_kumar_neer
प्रभावी और सामयिक रचना
ReplyDeleteजय मां हाटेशवरी....
ReplyDeleteआप ने लिखा...
कुठ लोगों ने ही पढ़ा...
हमारा प्रयास है कि इसे सभी पढ़े...
इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना....
दिनांक 21/12/2015 को रचना के महत्वपूर्ण अंश के साथ....
चर्चा मंच[कुलदीप ठाकुर द्वारा प्रस्तुत चर्चा] पर... लिंक की जा रही है...
इस चर्चा में आप भी सादर आमंत्रित हैं...
टिप्पणियों के माध्यम से आप के सुझावों का स्वागत है....
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
कुलदीप ठाकुर...
नीरज जी, यही आज की कटू सच्चाई है। बढ़िया प्रस्तुति।
ReplyDeleteनीरज जी, यही आज की कटू सच्चाई है। बढ़िया प्रस्तुति।
ReplyDeleteनीरज जी, यही आज की कटू सच्चाई है। बढ़िया प्रस्तुति।
ReplyDeleteनीरज जी, यही आज की कटू सच्चाई है। बढ़िया प्रस्तुति।
ReplyDeleteबढ़िया । कभी कभी हम अपने ही देश की न्याय व्यवस्था के प्रति खुद को कितना लाचार महसूस करते हैं ।
ReplyDeleteबढ़िया । कभी कभी हम अपने ही देश की न्याय व्यवस्था के प्रति खुद को कितना लाचार महसूस करते हैं ।
ReplyDeleteइक कड़वी सच्चाई को बहुत अच्छी तरह प्रस्तुत किया है ।
ReplyDeleteहिला कर रख दिया आपके शब्दों ने ! सच्चाई यही है !!
ReplyDeleteअच्छी है।यूँ ही लिखते रहिये
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