जब चुनाव होता है,
घर में छुट्टी मनाते हो .
जन सेवक काम ना करे,
तो क्यों चिल्लाते हो ?
किसी पे जुल्म होता देख,
आंख चुराते हो .
कोई तुम्हारे घर में घुसे ,
तो क्यों घबराते हो ?
जब खुद का आचार भ्रष्ट हो ,
तो मजा आता है .
जब दूसरा करता है,
क्यों शोर मचाते हो?
ये बुरी आदत है, नीरज ,
जाते - जाते जायेगी .
आदत छोड़ने में कष्ट होता है,
क्यों घबराते हो ?
neeraj kumar neer
neeraj kumar neer
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