2122 2122 212
फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन
(बहरे रमल मुसद्दस महजूफ)
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फूल सी जब हर कली होने लगी
बागबाँ को तब खुशी होने लगी
जाम साकी ने पिलाया हुस्न का
हर किसी को तिश्नगी होने लगी
जब मिले तुम जिंदगी की राह में
जिंदगी अब जिंदगी होने लगी
देख मीठापन नदी के आब का ,
सागरों में खलबली होने लगी .
आसमां में उगता सूरज देखकर
चाँदनी भी अनमनी होने लगी .
चुभ रहे थे शूल बन कर आँख में ,
अब उसी की बंदगी होने लगी.
जिंदगी ने रोज गम इतने दिए
गम से ही अब दिल्लगी होने लगी .
... #Neeraj_ Kumar_ Neer
फूल सी जब हर कली होने लगी
बागबाँ को तब खुशी होने लगी
जाम साकी ने पिलाया हुस्न का
हर किसी को तिश्नगी होने लगी
जब मिले तुम जिंदगी की राह में
जिंदगी अब जिंदगी होने लगी
देख मीठापन नदी के आब का ,
सागरों में खलबली होने लगी .
आसमां में उगता सूरज देखकर
चाँदनी भी अनमनी होने लगी .
चुभ रहे थे शूल बन कर आँख में ,
अब उसी की बंदगी होने लगी.
जिंदगी ने रोज गम इतने दिए
गम से ही अब दिल्लगी होने लगी .
... #Neeraj_ Kumar_ Neer
#नीरज कुमार नीर
पढ़कर सुखद अनुभूति होने लगी।
ReplyDeletebahut badhiya gazal
ReplyDeleteNew post तुम कौन हो ?
new post उम्मीदवार का चयन
Bahut umda ghazal... bahut khub!
ReplyDeleteजिंदगी ने रोज गम इतने दिए
ReplyDeleteहर नए गम से ख़ुशी होने लगी.
लाज़वाब शैर कहे हैं ज़नाब ने :
जिंदगी ने रोज गम इतने दिए
हर नए गम से ख़ुशी होने लगी.
बेहतरीन गज़ल कही है।
अह्सास खूबसूरत होने लगी
ReplyDeleteबहुत सुंदर.
डूब कर चाहा जिसे शामों सुबह
ReplyDeleteआज वही फिर अजनवी होने लगी .... बहुत खूबसूरत गज़ल ....!!!
डूब कर चाहा जिसे शामों सुबह
ReplyDeleteआज वही फिर अजनवी होने लगी ... बहुत खूबसूरत ग़ज़ल ....!!
जिंदगी ने रोज गम इतने दिए
ReplyDeleteहर नए गम से ख़ुशी होने लगी.
बहुत खूब,सुन्दर गजल ...!
RECENT POST - फागुन की शाम.
शुक्रिया
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत ग़ज़ल .......
ReplyDeleteसुन्दर ग़ज़ल
ReplyDeleteजिंदगी ने रोज गम इतने दिए
ReplyDeleteहर नए गम से ख़ुशी होने लगी
बहुत खूब... पूरी गज़ल ही कामयाब हुई...
" चुभ रहे थे शूल बन कर आँख में ,
ReplyDeleteअब उसी की जुस्तजू होने लगी."......मेरा पसंदीदा
बहुत खूब .......
बहुत खूबसूरत गज़ल नीरज जी ... लाजवाब शेर हैं ...
ReplyDeleteजिंदगी ने रोज गम इतने दिए
ReplyDeleteहर नए गम से ख़ुशी होने लगी.
आपकी निरंतर प्रेरक उत्प्रेरक अर्थ गर्भित टिपण्णियों के लिए आपका आभार।
मुश्किलें मुझ पर पड़ी इतनी
के आसान हो गईं।
शानदार प्रस्तुति. से साक्षात्कार हुआ । मेरे नए पोस्ट
ReplyDelete"सपनों की भी उम्र होती है " (Dreams havel life) पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है।
जिंदगी ने रोज गम इतने दिए
ReplyDeleteहर नए गम से ख़ुशी होने लगी.
..........................बेहतरीन गज़ल कही है।
bahut badhiya Neeraj ji. Khas kar ki aakhiri sher.
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