Saturday, 14 January 2012

बड़ा अच्छा लगता है



जाड़े का धूप और गोरी का रूप
बड़ा अच्छा लगता है.
पुरानी  शराब और जवानी का शवाब
बड़ा अच्छा लगता है.
चाँदनी रात और नई पत्नी का साथ
बड़ा अच्छा लगता है.
गर्मी में पानी और कमसिन जवानी
बड़ा अच्छा लगता है.
अपना लंगोटा और बुढ़ापे का बेटा
बड़ा अच्छा लगता है.
रंगीन टी वी और दूसरे की बीवी
बड़ा अच्छा लगता है.
सेंका हुआ टोस्ट और मुसीबत में दोस्त
बड़ा अच्छा लगता है.
नेता हाथ जोड़े और मुसीबत मुँह मोड़े,
बड़ा अच्छा लगता है.
पत्ती हो हरी आर जेब हो भरी,
बड़ा अच्छा लगता है.
बहता हुआ जल और बीता हुआ कल,
बड़ा अच्छा लगता है.
. सी. गाड़ी में और नारी साड़ी में
बड़ा अच्छा लगता है
फूलों में गुलाब और औरत का हिजाब
बड़ा अच्छा लगता है.
होठों पे लाली और ससुराल में हो साली,
बड़ा अच्छा लगता है.
सुशीला हो नारी और नौकरी सरकारी,
बड़ा अच्छा लगता है.
चहरे पे मूछ और साहेब करे पूछ
बड़ा अच्छा लगता है.
ऑफिस पहुचे लेट और बॉस से ना हो भेट ,
बड़ा अच्छा लगता है.
............
नीरज कुमा नीर

2 comments:

आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...