Thursday, 8 March 2012

होली

कौन रंग की चुनरी सजनियां
कौन रंग की चोली
आजा तुझको रंग लगा दूँ
आई देखो होली .

--
लाल रंग की चुनरी सजनवां
हरी  रंग की चोली,
आजा मुझको रंग लगा दे
आई देखो होली.
--
कौन गांव की चुनरी सजनियां
कौन ठांव की चोली ,
आजा तुझको रंग लगा दूँ
आई देखो होली .
--
वृन्दावन की चुनरी सजनवां
गोकुल धाम की चोली
आजा मुझको रंग लगा दे
आई देखो होली.
--
तीन गज की चुनरी तेरी
पांच गज का लंहगा,
कैसे रंग लगाऊं इनमे
कि रंग हुआ बड़ा मंहगा .
--
चार टके  की चाकरी तेरी
तू बाबु सरकारी,
तेरे बस की बात बलमुआ
बस दाल , भात, तरकारी .
लाख टके  का यौवन मेरा
उसपर आई होली
तेरी बातें नीम सी कड़वी
लगती बोली गोली.

No comments:

Post a Comment

आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...