कौन रंग की चुनरी सजनियां
कौन रंग की चोली
आजा तुझको रंग लगा दूँ
आई देखो होली .
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लाल रंग की चुनरी सजनवां
हरी रंग की चोली,
आजा मुझको रंग लगा दे
आई देखो होली.
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कौन गांव की चुनरी सजनियां
कौन ठांव की चोली ,
आजा तुझको रंग लगा दूँ
आई देखो होली .
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वृन्दावन की चुनरी सजनवां
गोकुल धाम की चोली
आजा मुझको रंग लगा दे
आई देखो होली.
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तीन गज की चुनरी तेरी
पांच गज का लंहगा,
कैसे रंग लगाऊं इनमे
कि रंग हुआ बड़ा मंहगा .
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चार टके की चाकरी तेरी
तू बाबु सरकारी,
तेरे बस की बात बलमुआ
बस दाल , भात, तरकारी .
लाख टके का यौवन मेरा
उसपर आई होली
तेरी बातें नीम सी कड़वी
लगती बोली गोली.
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