बला का हुस्न
और बल खा के चलना .
तितलियों सा रंग
ऐ दिल जरा संभलना .
बला का हुस्न
और बल खा के चलना.
मेरी जान ले लेंगी ,
अदाएं कातिलाना .
जुल्फों का यूँ झटकना
नैनों का यूँ मटकना .
बला का हुस्न
और बल खा के चलना.
बच के रहना ऐ दिल,
हुस्न घाव देता है .
किसी को दर्द देता है ,
किसी कि जान लेता है.
और बल खा के चलना .
तितलियों सा रंग
ऐ दिल जरा संभलना .
बला का हुस्न
और बल खा के चलना.
मेरी जान ले लेंगी ,
अदाएं कातिलाना .
जुल्फों का यूँ झटकना
नैनों का यूँ मटकना .
बला का हुस्न
और बल खा के चलना.
बच के रहना ऐ दिल,
हुस्न घाव देता है .
किसी को दर्द देता है ,
किसी कि जान लेता है.
......... नीरज कुमार 'नीर'
बच के रहना ऐ दिल,
ReplyDeleteहुस्न घाव देता है .
किसी को दर्द देता है ,
किसी कि जान लेता है.
क्या बात है ! बहुत खूब , नीरज जी