कल रात चाँद मेरे घर आया
हुई दरवाजे पे दस्तक
खिडकी पे नज़र आया
नज़रें मिली मुझसे
थोडा शरमाया ,
कहा मुझसे
मुझे अपने घर में जगह दे दो
मुझे अपनी सी जीने की वजह दे दो
मैं चाँद हूँ,
जिंदगी रौशनी से भर दूँगा
जितना चाहोगे
उससे बेहतर दूँगा
मैने कहा
मुझे और की ख्वाहिश नहीं है
जो है मेरे पास
बहुत है
और की फरमाइश नहीं है
एक दीया है काफी
जिंदगी में रोशनी के लिए
आंसू भी है जरूरी
आँखों में नमी के लिए
मेरी कोशिश है
जीवन यूँ ही चलता रहे
तुफानो झंझावातों में
दिया जलता रहे
दिया जलता रहे
दिया जलता रहे.
................ #नीरज कुमार नीर
#neeraj_kumar_neer
#chand #toofan #jindagi #hindi_poem
हुई दरवाजे पे दस्तक
खिडकी पे नज़र आया
नज़रें मिली मुझसे
थोडा शरमाया ,
कहा मुझसे
मुझे अपने घर में जगह दे दो
मुझे अपनी सी जीने की वजह दे दो
मैं चाँद हूँ,
जिंदगी रौशनी से भर दूँगा
जितना चाहोगे
उससे बेहतर दूँगा
मैने कहा
मुझे और की ख्वाहिश नहीं है
जो है मेरे पास
बहुत है
और की फरमाइश नहीं है
एक दीया है काफी
जिंदगी में रोशनी के लिए
आंसू भी है जरूरी
आँखों में नमी के लिए
मेरी कोशिश है
जीवन यूँ ही चलता रहे
तुफानो झंझावातों में
दिया जलता रहे
दिया जलता रहे
दिया जलता रहे.
................ #नीरज कुमार नीर
#neeraj_kumar_neer
#chand #toofan #jindagi #hindi_poem
सुंदर, दिया ही सही अपना तो है.
ReplyDeleteबहुत ही सकारात्मकता लिए हुए है आपकी रचना।
ReplyDeleteएक दीया है काफी जिंदगी में रोशनी के लिए,
ReplyDeleteआंसू भी है जरूरी आँखों में नमी के लिए .
मेरी कोशिश है जीवन यूँ ही चलता रहे.
तुफानो झंझावातों में दिया जलता रहे .
बहुत ही सार्थक शब्द नीरज जी
एक दीया काफी है....! सुन्दर प्रस्तुति , साभार! आदरणीय नीरज जी !
ReplyDeleteधरती की गोद
wah
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण ....ज्यादे की चाहत न रखने वाला ही खुश रहता है
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