Wednesday 23 May 2012

गम पीता हूँ



      
वो कहते हैं, मैं पीता हूँ शराब ,
मैं तो तुम्हारी जुदाई का गम पीता हूँ.

घोलकर पैमाने में संग शराब के,
तुम्हारे जाने का रंज पीता हूँ .

जब याद आए ज्यादा , तो ज्यादा ,
जो आए कम  तो कम पीता हूँ.

जो कसमे खाए थे तुमने, मेरी मुहब्बत में ,
खुदा कि कसम, वो कसम पीता हूँ ,

तुम चले गए सब कुछ भुला दिया,
तुम आओगे लौटकर, यह भरम पीता हूँ.

वो कहते है, मैं पीता हूँ शराब,
मैं तो तुम्हारी जुदाई का गम पीता हूँ.
............. नीरज कुमार 'नीर'

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