बादल के छाने से रात
नहीं होती,
सपनो में आके मुलाक़ात
नहीं होती .
बरसात के लिए पानी को
बरसना होता है
सिर्फ छीटों से बरसात नहीं होती.
मेहनतकशों के खाने में
स्वाद होता है,
मुफ्तखोरों के खाने में मिठास नहीं होती.
सुना है देश तरक्की कर
गया लेकिन,
हाथ में मोबाइल होता है,
थाली में दाल नहीं होती.
अब तो मुहब्बत का इज़हार
भी एस एम एस से होता है.
खुल के दिल से दिल कि
बात नहीं होती.
हमने उनका नाम लिया और
हंगामा हो गया,
हमे क्या था मालूम,
चोरों के घर में चोरों कि बात नहीं होती .
फूलों से पता मत पूछिए
मेरे घर का, मेरी जिंदगी कांटो भरी है,
मेरे घर में फूलों की बात नहीं होती.
कहना है तो खुल के कहिये
दिल की बात
इशारों – इशारों में दिल की बात नहीं होती.
....................... नीरज कुमार 'नीर'
....................... नीरज कुमार 'नीर'
bahut achchi rachna.
ReplyDeleteThanks Raju ji
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