कभी कभी अजनबी सी लगती है,
वो फूलों वाली लड़की.
वैसे तो हर पल मेरे दिल में रहती है,
पर कभी कभी अजनबी सी लगती है,
वो फूलों वाली लड़की.
..
लाल, हरे, बैंगनी, पीले, गुलाबी,
चंपा, जुही गुलाब, गेंदा , चमेली.
ख़ूबसूरत गुलदस्ते जैसी लड़की.
कभी कभी अजनबी सी लगती है
वो फूलों वाली लड़की.
..
खुश होती तो खूब बातें करती,
फिर अचानक कहीं गुम हो जाती,
एक अबूझ पहेली जैसी लड़की,
कभी कभी अजनबी सी लगती है
वो फूलों वाली लड़की.
..
अंतर्मन को छूकर जाती ,
तन मन दोनो महकाती,
मनमोहक खुशबू जैसी लड़की,
कभी कभी अजनबी सी लगती है ,
वो फूलों वाली लड़की.
...
हर्षित, उल्लसित, उमंग लिए,
खुशियों का श्रृंगार किये ...
पतझड़ में बहार जैसी लड़की,
कभी कभी अजनबी सी लगती है
वो फूलों वाली लड़की .
.........
जख्म पे मरहम सी ,
सूंदर, कोमल, नरम सी,
उर्जा से उफनाती नदी जैसी लड़की,
कभी कभी अजनबी सी लगती है ,
वो फूलों वाली लड़की,
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“नीरज कुमार”
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