सफर
कुछ लोग ऐसे होते है,
हवा के साथ चलते हैं.
हम उनमे हैं शामिल,
जो हवा का रूख बदलते है.
कोई रंज नहीं कि
अकेला हूँ राहे सफर में
नई राह बनाने वाले
बिना हमसफ़र चलते है.
मुझे है मालूम कल
मेरे निशाने कदम ढूंढोगे
आज तो हम अकेले सफर चलते हैं.
............नीरज कुमार....
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