बड़ी अजीब मेरे मुहब्बत की कहानी है
दिल है जिसका, वो
किसी और की दीवानी है.
हर ख्वाहिश किसी की पूरी
नहीं
होती
ये मुकद्दर की बात
है, तहरीरे पेशानी है.
किसी दरख़्त पर मुझे
पनाह नहीं मिली
मैं ऐसा परिंदा हूँ,
सफर जिसकी जिंदगानी है.
मैं चाँद
हूँ खोया हुआ अँधेरी
रात का
चांदनी मेरे
लिए, गोया बेमानी
है.
..................नीरज
कुमार ‘नीर’
#neeraj_kumar_neer
#chand #taqdeer
#chand #taqdeer
बहुत खूबसूरत शेर. वाकई ज़िन्दगी की रफ़्तार कुछ इस कदर बढ़ चुकी है ज़िन्दगी ही गुम हो रही है हमसे.
ReplyDeleteबढ़िया है आदरणीय--
ReplyDeleteआभार आपका ||-
वाह नीरज जी वाह मज़ा आ गया लाजवाब
ReplyDeleteएक बढ़कर एक शेर. उम्दा खयालात. सुंदर लेखन.
ReplyDeleteमैं ऐसा परिंदा हूं ... बहुत ही लाजवाब शेर है ...
ReplyDeleteअलग अंदाज़ के शेर हैं आपके ... मज़ा आ गया ....
वाह क्या बात है ...हर शेर एक से बढ़कर एक ...अँधेरी रात के चाँद के लिए चाँदनी बेमानी है ...वाह
ReplyDeleteसभी शेर बहुत कमाल. दाद स्वीकारें.
ReplyDeleteलाजवाब ...बहुत खूबसूरत अंदाज़...
ReplyDeleteमैं ऐसा परिंदा हूँ...बहुत खूब शेर लगा...बेहतरीन शेरों के लिए हमारी बधाई स्वीकारें....
ReplyDeleteमैं ऐसा परिंदा हूँ...बहुत खूब शेर लगा...बेहतरीन शेरों के लिए हमारी बधाई स्वीकारें....
ReplyDeleteअच्छा नीरज...? आप ऐसा भी लिख लेते है....!! बढ़िया है-
ReplyDeleteकिस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।
ReplyDeleteकभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
ReplyDeleteशब्दों की मुस्कुराहट पर अक्सर मैं