मैं जो दर्द अनुभव करता हूँ , जो दुःख भोगता हूँ, जिस आनंद का रसपान करता हूँ , जिस सुख को महसूस करता हूँ, मेरी कवितायें उसी की अभिव्यंजना मात्र है ।
यही शुरुआत है जीवन की ....
waaaaaaaaah bhot khub waaaah
उम्मीद है कोपलें ऐसे ही फूटती रहे.
इस उम्मीद को जगाये रखना भी जरूरी है ... फूल को साहस भी तो जरूरी है ...
उम्मीद जगी है तो मिलेगी ही एक कोना छाँव...
bahut kam shabdon mein bahut badi baat keh daali :)
उम्मीद ही तो गिन्दगी है .....अच्छी रचना.
हाँ!
Crisp and crystal clear... good one
आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.
यही शुरुआत है जीवन की ....
ReplyDeletewaaaaaaaaah bhot khub waaaah
ReplyDeleteउम्मीद है कोपलें ऐसे ही फूटती रहे.
ReplyDeleteइस उम्मीद को जगाये रखना भी जरूरी है ... फूल को साहस भी तो जरूरी है ...
ReplyDeleteउम्मीद जगी है तो मिलेगी ही एक कोना छाँव...
ReplyDeletebahut kam shabdon mein bahut badi baat keh daali :)
ReplyDeleteउम्मीद ही तो गिन्दगी है .....अच्छी रचना.
ReplyDeleteहाँ!
ReplyDeleteCrisp and crystal clear... good one
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