बीता कटु शीत शिशिर
मोहक वसंत आया
पुष्प खिले वृन्तो पर
मुस्काये हर डाली.
मादक महक चहुँ दिशा
भरमाये मन आली.
तरुण हुई धूप खिली
शीत का अंत आया .
बीता कटु शीत शिशिर
मोहक वसंत आया .
प्रिया की सांसों सी
मद भरा ऊषा अनिल.
अंग अंग उमंग रस
जग लगे मधुर स्वप्निल.
कुहूक बोले कोयल
कवि नवल छंद गाया.
बीता कटु शीत शिशिर
मोहक वसंत आया ..
आम्र वृक्ष स्वर्ण मौर
महुआ रस टपकाया.
देखूं दृश्य अनिमेष
किसने चित्र बनाया.
अभिसार पूरित ह्रदय
जग प्रेम दिगंत छाया.
बीता कटु शीत शिशिर
मोहक वसंत आया .
त्याग शर्म अवगुंठन
दे रही प्रणय निमंत्रण.
वृक्ष लता लिपटाया
नगर नगर हर उपवन.
हर कोने में वसुधा
के हर्ष अनंत छाया.
बीता कटु शीत शिशिर
मोहक वसंत आया .
..... नीरज कुमार नीर
चित्र गूगल से साभार
#basant #बसंत
#neeraj_kumar_neer
बहुत सुन्दर कविता....
ReplyDeleteअपनी रचना के माध्यम से मोहक वसंत का बहुत ही मनोरम शब्द चित्र खींचा है ! सुंदर सुमनों के सौरभ से सुवासित सी रचना !
ReplyDeleteप्रकृति करवट लेती हुयी।
ReplyDeleteवसंत के विविध रंगों को दर्शाती बहुत सुंदर रचना.
ReplyDeleteनई पोस्ट : पंचतंत्र बनाम ईसप की कथाएँ
Itni sundar kavitayen kaise rach lete ho mere bhai. Vinod Passy
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता.
ReplyDeleteआपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (07.03.2014) को "साधना का उत्तंग शिखर (चर्चा अंक-१५४४)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें, वहाँ आपका स्वागत है, धन्यबाद।
आपका हार्दिक आभार।
Deleteऔर रचना भी अत्यंत मोहक है.
ReplyDeleteवाह भाई साहब वाह
ReplyDeleteआपने तो बसंती बयार बहा दी। सुन्दर अति सुन्दर रचना।
बधाई
बसंत का माधुर्य लपेटे सुन्दर काव्य ...
ReplyDeleteमंगलवार 11/03/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteआप भी एक नज़र देखें
धन्यवाद .... आभार ....
बसंत के माधुर्य और खुशबू में लिपटी सुंदर रचना .......
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत...शब्दों और भावों का सुन्दर संयोजन...
ReplyDeleteअति सुन्दर मनभावन रचना...
ReplyDelete:-)
बसंत की मादकता का मनोहारी चित्रण | अतीव सुन्दर!!
ReplyDeleteअति सुंदर सृजन...!
ReplyDeleteRECENT POST - पुरानी होली.
बसंत के खुशबु को समेटे खूबसूरत रचना .....!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता
ReplyDeleteनगर नगर हर उपवन.
ReplyDeleteहर कोने में वसुधा
के हर्ष अनंत छाया.
बीता कटु शीत शिशिर
मोहक वसंत आया ...बहुत सुन्दर
वसंत का सुंदर स्वागत...
ReplyDeleteवाह क्या तो आरम्भ है और अंत तो यूँ कि पढ़ने वाला स्वयं ही वसंतमय हो जाये ...... दिल माँगे और
ReplyDeletekyaa sundar basent kaa vrnn kiya hai.
ReplyDeleteVinnie
बहुत सुन्दर रचना ...वाह
ReplyDeleteआप सबका हार्दिक आभार .
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कविता भाई नीर जी बधाई
ReplyDeleteइतना बढ़िया लेख पोस्ट करने के लिए धन्यवाद! अच्छा काम करते रहें!। इस अद्भुत लेख के लिए धन्यवाद ~Ration Card Suchi
ReplyDelete