सुनिए पढिये और फाल्गुन का आनंद लीजिये :
नजरिया के तीर सनम धीरे चलाओ
कर कर के इशारे ना हमको बुलाओ.
नजरिया के तीर सनम धीरे चलाओ.
चुनरी के छोर में लपेट के अंगुरी
अधरों के कोरों को यूँ ना चबाओ.
नजरिया के तीर सनम धीरे चलाओ.
पहनी है पायल तो हौले से चलना
कर के छमाछम मेरा जी ना जराओ.
नजरिया के तीर सनम धीरे चलाओ.
होली के मौसम में गर्म भई हावा
अब गिरा के दुपट्टा ना आग लगाओ.
नजरिया के तीर सनम धीरे चलाओ ..
(#होली की शुभकामनाएं)
.. #नीरज कुमार नीर
#neeraj_kumar_neer
#holi #होली #payal #love #holi_geet
#neeraj_kumar_neer
#holi #होली #payal #love #holi_geet
saral sahaj geet
ReplyDelete***आपने लिखा***मैंने पढ़ा***इसे सभी पढ़ें***इस लिये आप की ये रचना दिनांक 17/03/2014 यानी आने वाले इस सौमवार को को नयी पुरानी हलचल पर कुछ पंखतियों के साथ लिंक की जा रही है...आप भी आना औरों को भी बतलाना हलचल में सभी का स्वागत है।
ReplyDeleteएक मंच[mailing list] के बारे में---
एक मंच हिंदी भाषी तथा हिंदी से प्यार करने वाले सभी लोगों की ज़रूरतों पूरा करने के लिये हिंदी भाषा , साहित्य, चर्चा तथा काव्य आदी को समर्पित एक संयुक्त मंच है
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उद्देश्य:
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भारत व विश्व में हिंदी से सम्बन्धी गतिविधियों पर नज़र रखना और पाठकों को उनसे अवगत करते रहना.
हिंदी व देवनागरी के क्षेत्र में होने वाली खोज, अनुसन्धान इत्यादि के बारे मेंहिंदी प्रेमियों को अवगत करना.
हिंदी साहितिक सामग्री का आदान प्रदान करना।
अतः हम कह सकते हैं कि एकमंच बनाने का मुख्य उदेश्य हिंदी के साहित्यकारों व हिंदी से प्रेम करने वालों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहां उनकी लगभग सभी आवश्यक्ताएं पूरी हो सकें।
एकमंच हम सब हिंदी प्रेमियों का साझा मंच है। आप को केवल इस समुह कीअपनी किसी भी ईमेल द्वारा सदस्यता लेनी है। उसके बाद सभी सदस्यों के संदेश या रचनाएं आप के ईमेल इनबौक्स में प्राप्त करेंगे। आप इस मंच पर अपनी भाषा में विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे।
कोई भी सदस्य इस समूह को सबस्कराइब कर सकता है। सबस्कराइब के लिये
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[अगर आप ने अभी तक मंच की सदस्यता नहीं ली है, मेरा आप से निवेदन है कि आप मंच का सदस्य बनकर मंच को अपना स्नेह दें।]
सुंदर होली गीत ...!
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें ।
RECENT POST - फिर से होली आई.
अहा, बहुत सुन्दर, होली की शुभकामनायें।
ReplyDeletebahut sundar .....
ReplyDeleteअब होली है तो काहे कि शिकायत ... तीर नज़र के हों या किसी ओर के ...
ReplyDeleteलाजवाब भाव भरी रचना ... होली कि बधाई ...
sundar geet :)holi ki haardik shubhkamnaye
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteरंगों के पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आभार आपका अभी जी ..
ReplyDeleteवाह...सामयिक और सुन्दर पोस्ट.....आप को भी होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@हास्यकविता/ जोरू का गुलाम
बहुत सुन्दर लोकरचना :
ReplyDeleteनजरिया के तीर सनम धीरे चलाओ
कर कर के इशारे ना हमको बुलाओ.
नजरिया के तीर सनम धीरे चलाओ.
चुनरी के छोर में लपेट के अंगुरी
अधरों के कोरों को यूँ ना चबाओ.
नजरिया के तीर सनम धीरे चलाओ.
पहनी है पायल तो हौले से चलना
कर के छमाछम मेरा जी ना जराओ.
नजरिया के तीर सनम धीरे चलाओ.
...
होली के मौसम में गर्म भई हावा
अब गिरा के दुपट्टा ना आग लगाओ.
नजरिया के तीर सनम धीरे चलाओ ..
(होली की शुभकामनाएं)
.. नीरज कुमार नीर
वाह नीरज भाई , बेहतरीन प्रस्तुति , होली की शुभकामनाएँ , धन्यवाद
ReplyDeleteनया प्रकाशन -: बुद्धिवर्धक कहानियाँ - ( ~ अतिथि-यज्ञ ~ ) - { Inspiring stories part - 2 }
बीता प्रकाशन -: होली गीत - { रंगों का महत्व }
अच्छा लगा आपकी आवाज़ में यह होली गीत सुनकर.
ReplyDeleteआप सबका हार्दिक आभार ..
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