आप सभी मित्रों एवं पाठकों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
इस अवसर पर प्रस्तुत है एक कविता :
हो अंधेरा कितना जग में
आस का दीप जलाए रखना
सत्य की जय सदा होती है
यह विश्वास बनाए रखना।।
जीवन पथ में चलते चलते
मिल जाये बनवास अगर भी
चुपके से आकर दुःस्वप्न में
ढल जाये मधुमास अगर भी
अच्छे दिन फिर फिर आएंगे
हृदय उम्मीद जगाए रखना॥
सीता की रक्षा करने को
रावण से लड़ना पड़ जाये
पाने अपने अधिकारों को
कंसो से भिड़ना पड़ जाये
तुम राम कृष्ण के वंशज हो
मन पराक्रम बनाए रखना ॥
नन्हें दीये की लौ से भी
सौ सौ दीये जल सकते हैं
साहस भरा हो अंतस मे
तो विघ्न सभी टल सकते हैं
विजय वीर को ही वरती है
धीरज ध्वज उठाए चलना
हो अंधेरा कितना जग में
आस का दीप जलाए रखना
सत्य की जय सदा होती है
यह विश्वास बनाए रखना
……
(c) #नीरज_कुमार_नीर
#Neeraj_kumar_neer
21/10/2014
(क्या आपको यह कविता अच्छी लगी ?)
#motivational #Hindi_poem #प्रेरक #हिन्दी_कविता #ram #sita #ravan
#diwali #दिवाली #dipawali #दीपावली #गीत #geet
#motivational #Hindi_poem #प्रेरक #हिन्दी_कविता #ram #sita #ravan
#diwali #दिवाली #dipawali #दीपावली #गीत #geet
कोशिश जारी है :)
ReplyDeleteसुंदर ।
दीप पर्व शुभ हो ।
बहुत सुंदर
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाये !
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है !
आशा और विश्वास अंततः प्रकाश के मार्ग ले ही जाते हैं ... सार्थक रचना ...
ReplyDeleteप्रकाश पर्व को हार्दिक शुभकामनायें ....
बहुत ही सुंदर
ReplyDeleteनवाकार
उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ! सत्य की जय होगी .....
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteBahut saarthak va ati sunder abhivyakti ....!!
ReplyDeleteआशान्वित करती है आपकी यह कविता.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDelete