Wednesday, 22 October 2014

आस का दीप जलाए रखना

आप सभी मित्रों एवं पाठकों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें। 
इस अवसर पर प्रस्तुत है एक कविता :


हो अंधेरा कितना जग में 
आस का दीप जलाए रखना 
सत्य की जय सदा होती है 
यह विश्वास बनाए रखना।।  

जीवन पथ  में चलते चलते 
मिल जाये बनवास अगर भी 
चुपके से आकर दुःस्वप्न में 
ढल जाये मधुमास अगर भी 
अच्छे दिन फिर फिर आएंगे 
हृदय उम्मीद जगाए रखना॥ 

सीता की रक्षा करने को  
रावण से लड़ना पड़ जाये 
पाने अपने अधिकारों को 
कंसो से भिड़ना पड़ जाये
तुम राम कृष्ण के वंशज हो 
मन पराक्रम बनाए रखना ॥

नन्हें दीये की लौ से भी 
सौ सौ दीये जल सकते हैं  
साहस  भरा हो अंतस मे 
तो विघ्न सभी टल सकते हैं  
विजय वीर को ही वरती है 
धीरज ध्वज उठाए चलना

हो अंधेरा कितना जग में 
आस का दीप जलाए रखना 
सत्य की जय सदा होती है 
यह विश्वास बनाए रखना 
……
(c) #नीरज_कुमार_नीर 
#Neeraj_kumar_neer 
21/10/2014
(क्या आपको यह कविता अच्छी लगी ?)
#motivational #Hindi_poem #प्रेरक #हिन्दी_कविता #ram #sita #ravan
#diwali #दिवाली #dipawali #दीपावली #गीत #geet 

11 comments:

  1. कोशिश जारी है :)
    सुंदर ।
    दीप पर्व शुभ हो ।

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  2. This comment has been removed by the author.

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  3. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये !
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है !

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  4. आशा और विश्वास अंततः प्रकाश के मार्ग ले ही जाते हैं ... सार्थक रचना ...
    प्रकाश पर्व को हार्दिक शुभकामनायें ....

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  5. उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ! सत्य की जय होगी .....

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  6. सुंदर रचना

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  7. Bahut saarthak va ati sunder abhivyakti ....!!

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  8. आशान्वित करती है आपकी यह कविता.

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  9. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !

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आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.

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