अगर मेरा कहा मानो
सदा शादी से बचना तुम ॥
पंख होंगे मगर फिर भी
कभी तुम उड़ ना पाओगे
मुंह के बल गिरोगे और
सदा धरती पे आओगे
सुनहरा जाल है शादी
कभी इसमे ना फंसना तुम ।
कभी शॉपिंग, कभी मूवी,
रेस्टोरेन्ट रोजाना
कभी सर्दी, कभी खांसी
कभी हेडेक का बहाना
बड़े होते इनके नखरे
इनसे बच के रहना तुम॥
कभी चौका , कभी बर्तन,
कभी कपड़े भी धोओगे
पकड़कर हाथ से माथा
बार बार रोओगे
मुसीबत चीज है बीबी
कभी घर न लाना तुम॥
किसी नाजनीना से
निगाहें चार कर लोगे
भूले से किसी हसीं से
बातें दो चार कर लोगे
होगी ऐसी खिचाई कि
हँसना भूल जाओगे
मुहब्बत चीज क्या है, तुम
ये कहना भूल जाओगे
आजादी बड़ी नेमत है
इसको न खोना तुम।
अगर मेरा कहा मानो
सदा शादी से बचना तुम
(c) ...... #नीरज कुमार नीर
#neeraj_kumar_neer
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आपबीती तो नहीं लिख दी नीरज जी ... हा हा ... मस्त लाजवाब रचना है ...
ReplyDeleteबढ़िया है बहुत बढ़िया है !
ReplyDeletemaja aa gaya zalim
ReplyDeleteअच्छी लगी रचना. बात तो सही लिखी है :)
ReplyDeletelife me hasne ke liye bhi kuch hona chahiye
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