Tuesday, 20 January 2015

प्यार में पड़कर किसी का होना अच्छा लगता है


प्यार में पड़कर किसी का होना अच्छा लगता है 
पाना सब कुछ और फिर से खोना अच्छा लगता है । 

अब भी जब माँ मिलती है ममता ही बरसाती है 
गोद में सर माँ के रख कर सोना अच्छा लगता है।  

बच्चों से मिलता हूँ जब भी बच्चा मै बन जाता हूँ 
नन्हें बच्चों संग बच्चा होना अच्छा लगता है । 

बेबसी  जब बढ़ जाती है हद से ज्यादा जीस्त  में 
हाथ से मुंह अपने ढक कर रोना अच्छा लगता है ॥ 

दुनियाँ भर की धनौ दौलत  से मुझको क्या लेना  
अपने घर का एक छोटा कोना अच्छा लगता है  ।।  
#नीरज कुमार नीर
#neeraj kumar neer
#गजल #gazal #गज़ल  #pyar #love #माँ #बच्चा #hindi 

13 comments:

  1. प्यार में पढ़ना। …… सुन्दर अभिव्यक्ति! साभार! नीरज जी!
    धरती की गोद

    ReplyDelete
  2. बहुत ही भावपूर्ण ... हर शेर प्रेम और दुलार में पगा हुआ लगता है ...
    सुन्दर अभिव्यक्ति ...

    ReplyDelete
  3. दुनियाँ भर की धनौ दौलत से मुझको क्या लेना
    अपने घर का एक छोटा कोना अच्छा लगता है ।।
    बहुत सुंदर और भावपूर्ण.

    ReplyDelete
  4. कितनी खूबसूरती से जिंदगी की अहम चीजों को आपने भावबध्द किया है,
    आपको पढना, पढ कर गुनना कितना अच्छा लगता है।

    ReplyDelete
  5. सच में प्यार में पड़कर किसी का होना अच्छा लगता है

    ReplyDelete
  6. सार्थक प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (25-01-2015) को "मुखर होती एक मूक वेदना" (चर्चा-1869) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    बसन्तपञ्चमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका हार्दिक आभार मान्यवर .... आपको भी वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें ॥

      Delete
  7. बहुत ही सुन्दर सार्थक अभिव्यक्ति, सादर।

    ReplyDelete
  8. बहुत ही सुन्दर सार्थक अभिव्यक्ति, सादर।

    ReplyDelete
  9. ​सच में प्यार में पड़कर किसी का होना अच्छा लगता है ! खूबसूरत एहसास भरे शब्द

    ReplyDelete
  10. प्रेम चीज ही ऐसी है. सुन्दर कविता.

    ReplyDelete
  11. प्रेम के लिए क्‍या कहा जाए। वह तो स्‍वयं ही अजर और अमर है।

    ReplyDelete
  12. बच्चों से मिलकर। ...... कुछ अलग सा होता है आपके शब्दों में नीर साब ! क्या , नही मालूम

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...