मैं जो दर्द अनुभव करता हूँ , जो दुःख भोगता हूँ, जिस आनंद का रसपान करता हूँ , जिस सुख को महसूस करता हूँ, मेरी कवितायें उसी की अभिव्यंजना मात्र है ।
हिंदी की महत्त्व हिंदी दिवस के दिन तक न रहे तभी सार्थकता है ...
हिंदी के मान सम्मान की तरफ भी अब ध्यान दिया जाने लगा है ।
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन विश्व ओजोन परत संरक्षण दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
सुंदर
आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.
हिंदी की महत्त्व हिंदी दिवस के दिन तक न रहे तभी सार्थकता है ...
ReplyDeleteहिंदी के मान सम्मान की तरफ भी अब ध्यान दिया जाने लगा है ।
ReplyDeleteआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन विश्व ओजोन परत संरक्षण दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteसुंदर
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