नदी को लगता है
कितना आसान है
समंदर होना
अपनी गहराइयों के साथ
झूलते रहना मौजों पर
न शैलों से टकराना
न शूलों से गुजरना
न पर्वतों की कठोर छातियों को चीरकर
रास्ता बनाना
पर नदी नहीं जानती है
समंदर की बेचैनी को
उसकी तड़प और उसकी प्यास को
कितना मुश्किल होता है
खारेपन के साथ एक पल भी जीना
समंदर हमेशा रहता है
प्यासा
और भटकता फिरता है
होकर सवार अपनी लहरों पर
भागता रहता है
हर वक्त किनारों की ओर
वह करता रहता है
प्रतीक्षा
एक एक बूंद मीठे जल की
समंदर होना भी सरल नहीं है
स्त्री और पुरुष मिलकर
बनाते हैं प्रकृति को
गम्य
.... #NEERAJ_ KUMAR_NEER
#नीरज कुमार नीर
#नदी #समंदर #स्त्री #पुरुष #love
कितना आसान है
समंदर होना
अपनी गहराइयों के साथ
झूलते रहना मौजों पर
न शैलों से टकराना
न शूलों से गुजरना
न पर्वतों की कठोर छातियों को चीरकर
रास्ता बनाना
पर नदी नहीं जानती है
समंदर की बेचैनी को
उसकी तड़प और उसकी प्यास को
कितना मुश्किल होता है
खारेपन के साथ एक पल भी जीना
समंदर हमेशा रहता है
प्यासा
और भटकता फिरता है
होकर सवार अपनी लहरों पर
भागता रहता है
हर वक्त किनारों की ओर
वह करता रहता है
प्रतीक्षा
एक एक बूंद मीठे जल की
समंदर होना भी सरल नहीं है
स्त्री और पुरुष मिलकर
बनाते हैं प्रकृति को
गम्य
.... #NEERAJ_ KUMAR_NEER
#नीरज कुमार नीर
#नदी #समंदर #स्त्री #पुरुष #love
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति ब्लॉग बुलेटिन - चार विभूतियों की पुण्यतिथि में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार 09 जून 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteसच लिखा नीरज जी समंदर होना बहुत कठिन है वो ज्वार भाटीय जज्बात समाये रहना.. बहुत कठिन अनुभव होता है।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteबहुत गहरी सोच ... नदी का समुन्दर होना उसकी नियति है ... पर फिर भी कसक रहती है ... दूर का अच्छा भी तो लगता है ...
ReplyDeleteबहुत खूब रचना है, ऐसे ही लिखते रहें।
ReplyDeleteबहुत खूब रचना है, ऐसे ही लिखते रहें।
ReplyDeleteJo door hota hai wah bahut achchha lagata hai lekin pas aane par sab kuchha saf saf dikhne lagta hai. Door ke dhol suhavane.
ReplyDeletebahut achchhee rachna
नीर साब बहुत ही सुंदर कविता लिखते हैं। वाह! आनंद आ गया। बहुत सवेंदनशील हृदय रखते हैं आप। कमाल की रचना। नमन आपको
ReplyDeleteNice poem on River..
ReplyDeleteFood Questions
A letter to God
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