मुद्दतों से हम जिनका इंतज़ार करते रहे
वो न आए हम, जिनसे प्यार करते रहे .
उम्र गुजर गयी मुहब्बत के भरम में
वो करते हैं प्यार हम , ऐतबार करते रहे .
साये तुम्हारी जुल्फ के ,ढँक दे ना आफताब
दिन में ना रात हो जाये, इस बात से डरते रहे .
तुमसे भी खूबसूरत तुम्हारा ख्याल था,
संग ख्यालों के हम, बसर करते रहे .
तुझे चाहा और कुछ ना चाहा मैंने
खता इतनी हुई ,कहने से डरते रहे .
बाद मरने के मेरे, जो आओ मजार पर
फिर से ना जिन्दा हो जाऊं, इस बात से डरते रहे.
मुद्दतों से हम जिनका इंतज़ार करते रहे
वो न आए हम, जिनसे प्यार करते रहे .
neeraj kumar neer
neeraj kumar neer
No comments:
Post a Comment
आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.