Tuesday, 29 May 2012

वजह


दिल पे लगा के चोट,

मुझसे उदासी का सबब पूछते है.

उन्हें सब है मालूम, फिर भी

मुझसे बेवजह पूछते हैं.

दिल को दर्द देना ,

उनकी फितरत है,

हम दर्द से रोयें,

तो रोने की वहज पूछते हैं.

.......... नीरज कुमार ‘नीर’


1 comment:

  1. सुन्दर ----लिखते रहियो :)

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