Thursday 9 August 2012

कब आओगे बनवारी



श्याम , मनोहर , गिरधारी
कब आओगे बनवारी .

कुञ्ज गलिन में ढूंढा तुमको
ढूंढा  यमुना किनारी..

श्याम , मनोहर , गिरधारी
कब आओगे बनवारी

माधव, केशव, मुरलीधारी,
कब आओगे बनवारी

गोकुल वन में ढूंढा तुमको
ढूंढा द्वारी द्वारी

गोविंद , गोपाल,  प्रिय मुरारी
कब आओगे बनवारी

कदम्ब गाछ पे ढूंढा तुमको
ढूंढा हर नर नारी

राधा रमण , बांके बिहारी
कब आओगे बनवारी

श्याम , मनोहर , गिरधारी
कब आओगे बनवारी

   नीरज कुमार ‘नीर’


2 comments:

  1. बहुत सुन्दर ....
    कृष्णमय रचना मन को भा गयी....

    सादर
    अनु

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका बहुत आभार अनु जी, आते रहियेगा.

      Delete

आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...