तुमने खीची थी जो
सादे पन्ने पर
आड़ी तिरछी रेखाएं
वही मेरी जिंदगी की
तस्वीर है
वही जी रहा हूँ.
रस भरी के फल
जिसे छोड़ दिया था
तुमने कड़वा कहकर
वही मेरी जिंदगी की
मिठास है .
वही जी रहा हूँ ..
मंजिल पाने की जल्दी में
जिस राह को छोड़ कर
तुमने लिया था शोर्ट कट
वही मेरी जिंदगी की
राह है .
वही जी रहा हूँ .
तुम हो गये मुझसे दूर
तुम्हे अंक के पहले का शून्य बनना था
मैं तुम्हारा शून्य समेटे हूँ
वही मेरी जिंदगी का
सत्य है
वही जी रहा हूँ .
नीरज कुमार नीर
#neeraj_kumar_neer
#neeraj_kumar_neer
बहुत सुन्दर .
ReplyDeleteनई पोस्ट : कोरे ख़त आते रहे
प्रेम ही तो है जो जीवन को दिशा देता है. अति सुन्दर रचना.
ReplyDeleteबढ़िया है आदरणीय-
ReplyDeleteशुभकामनायें -
प्रेम में महकी हुई सुंदर सी रचना......
ReplyDeleteक्योंकि किसी से प्रेम जो किया है .
प्रेम रंग में रंगी बहुत ही सुन्दर रचना...
ReplyDelete:-)
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवारीय चर्चा मंच पर ।।
ReplyDeleteअपना पथ ही निरंतर अच्छा होता है ... फिर प्रेम हो तो उनकी हर छोड़ी हुई चीज़ भी मन के करीब होती है ...
ReplyDeleteबहुत खूब!
ReplyDeleteBahut Khoob sir ji
ReplyDeleteबहुत ही प्रस्तुति !!!
ReplyDeleteबहोत खूब......तुमने जो भी दिया ..मैंने आत्मसात किया ...उसे ही मोहब्बत मानकर जी रहा हूँ......!!!!
ReplyDeleteसुंदर भावाव्यक्ति है !
ReplyDeleteतुमने खीची थी जो
ReplyDeleteसादे पन्ने पर
आड़ी तिरछी रेखाएं
वही मेरी जिंदगी की
तस्वीर है
वही जी रहा हूँ.
....दिल को छूती बहुत ख़ूबसूरत रचना...
hindibloggerscaupala.blogspot.com/ के शुक्रवारीय अंक १३/१२/१३ मैं आपकी रचना को शामिल किया जा रहा हैं कृपया अवलोकन हेतु पधारे .धन्यवाद
ReplyDeletebahut khoob
ReplyDeleteउम्दा रचना, उम्दा लिखारी
ReplyDeleteकोमल भावनाओं से ओतप्रोत बहुत ही सुंदर रचना ! बहुत सुंदर बात कही है रचना में बधाई स्वीकार करें !
ReplyDeleteबढ़िया कविता
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