Sunday, 16 February 2014

मैं भारत का प्रहरी बनूँगा : बाल कविता



पापा मुझे बन्दूक दिला  दो 
मैं सैनिक एक बन जाऊँगा.    
जाकर मैं देश की सरहद पर 
दुश्मन के छक्के छुड़ाऊँगा ..

मैं भारत  का प्रहरी बनूँगा 
तुम सब मिल  फिर चैन से रहना.
मेरा बेटा एक सैनिक  है 
गर्व से तुम भी  सबको  कहना. 

युद्ध  क्षेत्र में खूब लडूंगा 
पीठ नहीं मैं   दिखलाऊंगा. 
सीने पर गोली खाउंगा,
मरकर शहीद कहलाऊंगा. 

स्वयं  मरने से पहले लेकिन 
सौ सौ को पहले मारूंगा. 
जब तक कि अंतिम सांस चलेगी, 
हार नहीं कदापि  मानूंगा.

..... नीरज कुमार नीर 
#neeraj_kumar_neer 

14 comments:

  1. बहुत सुन्दर बाल कविता .....

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  2. बहुत सुन्दर प्रेरणा दायक बाल कविता !
    latest post प्रिया का एहसास

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  3. वीरता के संस्कार बताती पंक्तियाँ..

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  4. सुन्दर ओज़स्वी रचना है ... बच्चों में और बड़ों में भी जोश भारती ...

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  5. बालमन से भरी हुई .... प्रभावशाली कविता ....

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  6. बालमन से भरी हुई ... प्रभावशाली कविता ...

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  7. सुंदर रचना , बधाई आपको !

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  8. देश प्रेम की अलख जगाती साहस और शौर्य की भावना से ओतप्रोत सुन्दर एवं प्रेरक रचना !

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  9. आज 20/02/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक है http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!

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  10. This comment has been removed by the author.

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    Replies
    1. नीरज जी सुन्दर बाल रचना जोश और अच्छे संस्कार युक्त आभार
      भ्रमर ५

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  11. खूबसूरत प्रस्तुति-
    आभार भाई नीरज -

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