Friday, 19 September 2014

पानी को तलवार से काटते क्यों हो ?


पानी को तलवार से काटते क्यों हो ?
हिन्दी हैं हम सब, हमे बांटते क्यों हो ?

चरखे पे मजहब  की पूनी चढ़ा कर के ,
सूत  नफरत की यहाँ कातते क्यों हो  ?

हो सभी को आईना फिरते दिखाते ,
आईने से खुद मगर भागते क्यों हो ?

गर करोगे प्यार , बदले वही पाओगे, 
वास्ता मजहब का देके मांगते क्यों हो ?

भर लिया है खूब तुमने तिजोरी तो ,
चैन से सो, रातों को जागते क्यों हो ?

दाम कौड़ियों के हो बेचते सच को 
रोच परचम झूठ का छापते क्यों हो ?

धर्म और ईमान के गर मुहाफ़िज़ हो 
मज़लूमों को फिर भला मारते क्यों हो ? 
-----------
(c)   नीरज  नीर 

अगर बात अच्छी लगे तो अपनी टिप्पणी अवश्य दें । 

17 comments:

  1. sahi sawal uthaye aapne sundar rachna ke madhym se ....

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  2. ऐसे प्रश्न जो सदा से अनुत्तरित ही रहते आये हैं ! सुन्दर रचना !

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  3. Mitrawar meri mitrata sweekaar karen. Aapke Bhavon ne Bhavbibhor Kar diya.

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  4. कल 21/सितंबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

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  5. मन को छूती सुंदर रचना ---
    वाह बहुत खूब -----

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  6. बेहतरीन ग़ज़ल. सुन्दर प्रवाह है शेरों का.

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  7. बहुत खूबसूरत रचना के लिए बधाई स्वीकार करें |

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  8. हो सभी को आईना फिरते दिखाते ,
    आईने से खुद मगर भागते क्यों हो ..
    वाकिफ हैं वो इस आईने की हकीकत से ... दूसरों को दिखाना तो आसान है ...
    लाजवाब शेर है इस ग़ज़ल का ...

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  9. भर लिया है खूब तुमने तिजोरी तो ,
    चैन से सो, रातों को जागते क्यों हो ?...सुंदर रचना! के लिए आभार! आदरणीय नीरज जी!
    धरती की गोद

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  10. ज्वलंत सवाल उठाती सुंदर गज़ल.

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  11. बहुत अच्छा ब्लॉग है आपका !
    आपके ब्लॉग को फॉलो कर रहा हूँ
    आपसे मेरा अनुरोध है की मेरे ब्लॉग पर आये
    और फॉलो करके अपने सुझाव दे

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  12. बहुत बढ़िया गजल चौथे शेर में मांगते शब्द थोडा अटका बाकी शेरो में भागते जागते आदि इस प्रकार के शब्द हैं ये बस एक सुझाव है अन्यथा ना ले

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  13. PANI KO TALWAR SE KATATE KYUN HO, HINDI HAIN HAM SAB BAATATE KYUN HO...BAHUT KHOOB NEERAJ JI...THEEK VAISE HI JAISE KI... HINDI HAIN HAM VATAN HAIN HINDUSTAAN HAMAARA...SADHUVAD

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  14. बहुत सुंदर
    हो सभी को आईना फिरते दिखाते ,
    आईने से खुद मगर भागते क्यों हो ?

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आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.

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