कौआ बोला कांव कांव
बिल्ली बोली म्याऊँ म्याऊँ
मे मे करके बकरी भागी
शेर बोला किसको खाऊँ ॥
भों भों करता कुत्ता आया
आसमान में चील चिल्लाया
चीं चीं करता चूहा बोला
कहाँ जाऊँ मैं कहाँ जाऊँ
सूढ़ उठा हाथी चिंघाड़ा
हिनहिना कर दौड़ा घोड़ा
कछुआ ने खरगोश से बोला
ठहर जरा तो मैं भी आऊँ
मुर्गे ने दी ज़ोर की बांग
ऊँट की लंबी लंबी टांग
बारिश हुई मेढक टर्राया
अब तो पानी मे मैं जाऊँ ॥
……. Neeraj kumar neer
21/10/2014
बहुत सुन्दर बाल कविता.
ReplyDeleteनई पोस्ट : आदि ग्रंथों की ओर - दो शापों की टकराहट
आपकी लिखी रचना शनिवार 20 दिसंबर 2014 को लिंक की जाएगी........... http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteसार्थक और सुन्दर बाल कविता। सादर।।
ReplyDeleteनई कड़ियाँ :- मंगल ग्रह पर जीवन के संकेत मिली मीथेन गैस
अगस्त माह के महत्वपूर्ण दिवस और तिथियाँ
सुंदर बाल कविता.
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteसुंदर बाल कविता...अच्छा लगा पढ़कर
ReplyDeleteसुन्दर बाल कविता ... हमको इतना मज़ा आया तो बच्चों को तो और भी ज्यादा मज़ा आ जायेगा ...
ReplyDeleteसुन्दर बाल रचना ..
ReplyDeleteसुन्दर बाल कविता...बहुत अच्छा ।
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