आप सभी को वैलंटाइन्स डे की हार्दिक शुभकामनायें :::: प्रस्तुत है एक गीत सौंदर्य के नाम
चली हवा कोई ताजा
सुगंध फिजाँ में छायी
खिली बसंती धूप नई
प्रिय तुम जब जब मुस्कायी
रूप बदल कर नित नवीन
औ कर के विविध शृंगार
अधरों पर मुस्कान लिए
अति सुंदर यौवन हार
हो मन मृत नृत्य तरंगित
सम्मुख जब जब तुम आई
खिली बसंती धूप नई
प्रिय तुम जब जब मुस्कायी
गीत प्रगीत अनुगुंजित स्वर
खुले जब जब नलिन अधर
भंजित पौरुष मान उधर
हर गाँव और नगर डगर
सब तुम्हारे दीवाने
जादू क्या तुम दिखलाई
खिली बसंती धूप नई
प्रिय तुम जब जब मुस्कायी ....
..........नीरज कुमार नीर
(c)……. #Neeraj_kumar_Neer
#valentines day #love
सार्थक प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (15-02-2015) को "कुछ गीत अधूरे रहने दो..." (चर्चा अंक-1890) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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पाश्चात्य प्रेमदिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार आपका
Deleteहवा कुछ ऐसी चली कि मगरूर हिल गए !
ReplyDeleteबाग के खड़े जो पेड़ थे जड़ से उखड़ रहे ||
सुन्दर प्यारा गीत...
ReplyDelete~सादर शुभकामनाएँ
बहुत सुंदर.
ReplyDeleteमन बासंती तन बासंती
प्रिय तुम जब जब मुस्कायी
बहुत ही सुंदर और प्यारा गीत। बहुत पसंद आया।
ReplyDeleteमनोहारी अभिव्यक्ति ! सुन्दर गीत कविवर नीर साब !
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